राजस्थानी तीज उत्सव 2024 में संस्कृति, परंपरा और शिल्प कौशल का भव्य आयोजन नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में एक रंगारंग सांस्कृतिक संध्या के साथ शुरू हुआ। यह आयोजन एक सप्ताह तक चलने वाले रूडा क्रॉफ्ट मेले की शुरुआत है। 11 अगस्त तक चलने वाले इस मेले में राजस्थान की उत्कृष्ट कला और शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा।
तीज उत्सव में पारंपरिक संगीत, नृत्य और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने वाले प्रदर्शन शामिल रहेंगे। इस संध्या में विशिष्ट अतिथियों और कलाकारों ने अपनी उपस्थिति और प्रदर्शन से उत्सव के माहौल को और बेहतर बना दिया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव और मुख्य आवासीय आयुक्त सुधांश पंत ने कहा कि रूडा क्रॉफ्ट मेला केवल एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि राजस्थान के शिल्पकारों के कौशल और रचनात्मकता का उत्सव है। यह उन्हें एक व्यापक दर्शकों तक पहुंचने और आजीविका को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को राजस्थान की सुंदरता और विविधता का अनुभव करने के लिए बीकानेर हाउस में आमंत्रित करते हैं।
प्रमुख आवासीय आयुक्त आलोक ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि तीज उत्सव हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का उत्सव है। यह राजस्थान की रंगारंग कला और शिल्प को एक अनूठा मंच प्रदान करता है, जहां कलाकार अपने असाधारण कौशल का प्रदर्शन करते हैं। हमें गर्व है कि हम इस उत्सव को दिल्ली और उससे बाहर के लोगों के लिए पेश कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह उत्सव सभी को खुशी और प्रेरणा प्रदान करेगा।
सांस्कृतिक संध्या की संगीतात्मकता में चार चाँद लगाते हुए प्रसिद्ध गायक सवाई भट्ट ने अपनी मधुर धुनों पर पारंपरिक राजस्थानी गीतों का जादू बिखेरा। आयोजन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए अतिरिक्त आवासीय आयुक्त अंजू ओमप्रकाश ने तीज उत्सव 2024 के आयोजन को प्रवासी राजस्थानी के लिए एक सम्मान की बात बताया। उन्होंने कहा कि यह उत्सव राजस्थान की समृद्ध संगीत परंपरा का सुंदर प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा इस हैंडीक्राफ्ट मेले का आयोजन करके दिल्ली वासियों के लिए प्रसिद्ध राजस्थानी वस्तुओं को एक ही परिसर में खरीदारी के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीकानेर हाउस में 11 अगस्त तक रूडा के माध्यम आयोजित हो रहे क्रॉफ्ट मेले में हस्तनिर्मित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है, जिसमें वस्त्र, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि शामिल हैं। यह मेला न केवल आगंतुकों को प्रामाणिक राजस्थानी शिल्प खरीदने का अवसर देता है, बल्कि शिल्पकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने और जनता से सीधे रू-ब-रू होने का मंच भी प्रदान करता है।
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