जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने राज्य विधान सभा में बताया आहोर विधान सभा क्षेत्र में बाकली सिंचाई परियोजना के नवीनीकरण कार्य में संवेदक द्वारा फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से किये गये
भ्रष्टाचार के संबंध में तुरन्त कार्यवाही करते हुए संबंधित अधिशाषी अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंता को गत 28 फरवरी को निलम्बित किया गया तथा सी.सी.ए. नियम 16 के अंतर्गत आरोप पत्र दिये गए। उन्होंने बताया कि संवेदक मैसर्स चौधरी कन्सट्रक्शन कम्पनी, सांचौर का नाम वर्तमान में काली सूची में यथावत है।
रावत शून्यकाल में आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित द्वारा इस सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि संवेदक मैसर्स चौधरी कंस्ट्रक्शन कम्पनी, सांचौर को रुपये 13.31 करोड़, 3.16 करोड़ एवं 3.50 करोड़ रुपये के तीन अलग-अलग कार्यादेश दिए गये थे।
इन कार्यों की स्वीकृत निविदाओं की दरें कम होने से एडिशनल परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के लिए 1.45 करोड़ की 3 एफडीआर संवेदक द्वारा खण्डीय कार्यालय में जमा करवाई गई, जो सम्बन्धित बैंक से सत्यापन करने पर फर्जी पाई गई। इस सम्बन्ध में जालोर पुलिस थाने में 25 मई, 2024 को एफआईआर दर्ज करवाई गई, जिसकी जांच लम्बित है।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि संवेदक को 3 अप्रेल, 2024 को फर्जी एफडीआर प्रस्तुत किये जाने का दोषी पाए जाने पर फर्म का 'एए' श्रेणी का स्थायी पंजीयन रद्द कर ब्लैक लिस्टेड किया गया। साथ ही, फर्म की जमा पंजीयन प्रतिभूति राशि 4 लाख रुपए की एफडीआर जब्त की गई।
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण वित्तीय एवं लेखा नियमों में काली सूची में डाले गए संवेदक को भविष्य में भी कोई कार्य नहीं दिए जाने का प्रावधान है। संवेदक का नाम काली सूची में डाले जाने से पूर्व में स्वीकृत कार्य प्रगतिरत हैं।
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