सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से रबी एवं खरीफ फसलों के लिए दिए जाने वाले अल्पकालीन फसली ऋण की साख सीमा बढ़ाए जाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है गौतम कुमार प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बारां जिले में वर्ष 2023-24 में 2 हजार 64 किसानों को एवं 2024-25 में 1 हजार 496 किसानों को 1.50 लाख रूपये का फसली ऋण वितरित किया गया है।
उन्होंने बताया कि किसानों को सहकारी बैंकों के माध्यम से रबी एवं खरीफ फसलों के लिए पृथक-पृथक अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन ऋणों को एकमुश्त किये जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
इससे पहले विधायक ललित मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सहकारिता राज्य मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निर्धारित मानदण्ड अनुसार कृषक की जोत, उसके द्वारा बोई जाने वाली फसलों तथा केन्द्रीय सहकारी बैंक के पास उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर अल्पकालीन फसली ऋण दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि बारां जिले में बारां केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा 1 जनवरी,2019 से 31 मार्च, 2019 तक 414 किसानों को 3.39 करोड़ रूपये, वर्ष 2019-20 में 32,310 किसानों को 132.59 करोड़ रूपये, वर्ष 2020-21 में 44,127 किसानों को 298.17 करोड़ रूपये, वर्ष 2021-22 में 52,468 किसानों को 411.67 करोड़ रूपये, वर्ष 2022-23 में 52,022 किसानों को 411.87 करोड़ रूपये एवं वर्ष 2023-24 (1 अप्रेल से 31 जुलाई तक) में 45,416 किसानों को 209.29 करोड़ रूपये का अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया गया।
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से प्रत्येक वर्ष 1 अप्रेल से 31 अगस्त तक खरीफ हेतु एंव 1 सितम्बर से 31 मार्च तक रबी हेतु अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 01 अप्रैल 2024 से खरीफ का ऋण वितरण जारी है।
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