राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ किसनराव बागडे ने राजभवन में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर के विशेष दीक्षांत समारोह में प्रख्यात वैज्ञानिक और भारत विज्ञान संस्थान, बैंगलुरू के पूर्व निर्देशक प्रो. गोवर्धन मेहता और बफेलो यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क, संयुक्त राज्य अमेरिका के अध्यक्ष प्रो. सतीश के. त्रिपाठी को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान के प्रकाश पुंज होते हैं। समाज की विशिष्ट और परिवर्तनकारी भूमिका निभाने वाली विभूतियों को सम्मानित करना शिक्षा की स्वस्थ परंपरा है। इससे विद्यार्थियों को भी निरंतर नया और परिवर्तनकारी अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।
बागडे ने संस्कारों से विद्यार्थियों के दूर होते जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में संस्कार निर्माण के लिए कार्य हो। उन्होंने कहा कि किसी आपदा में जरूरतमंद की मदद नहीं कर वीडियो बनाना संवेदनहीनता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक मूर्तिकार होता है। वह विद्यार्थी के जीवन को गढ़ता है।
इसलिए मेरी अपेक्षा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालय चरित्र निर्माण की पाठशाला बने। उन्होंने कॉलेज स्तर पर विद्यार्थियों को सही और क्या गलत है, इसके बारे में चिंतन शिविर आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसी शिविरों में वह स्वयं सम्मिलित होना चाहेंगे।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों मे मौलिक शोध और पीएचडी कोर्सेज में राजस्थान की रैंकिग विश्वभर में अग्रणी करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राचीन शास्त्रों और आधुनिक ज्ञान के आलोक में शोध पेटेंट की संख्या बढ़ाने और नैक एक्रिडिएशन में राजस्थान को देशभर में अग्रणी बनाने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों को इनोवेटिव, मेधावी बनाने और किताबों के बोझ से मुक्त कर उनके भीतर आत्मविश्वास भरने का कार्य करने पर जोर दिया।
इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश चंद्रा ने विश्वविद्यालय के कार्यों से अवगत कराया। समारोह में राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल, विभिन्न संकायों के डीन, डायरेक्टर, गणमान्यजन उपस्थित रहे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.