राजस्थान में एक सीट पर राज्यसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। यह सीट कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सीट जीतने के बाद खाली हुई थी।

राजस्थान में एक सीट पर राज्यसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। यह सीट कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सीट जीतने के बाद खाली हुई थी। सूत्रों की मानें तो राज्यसभा उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से दावेदार खड़ा करने की संभावनाएं कम ही हैं।

विधायकों के संख्या बल बीजेपी के पक्ष में दिखाई देता है। यदि कोई बहुत बड़ा उलटफेर नहीं हुआ, तो बीजेपी अपने दावेदार को आसानी से जिता ले जाएगी।सवाल अब यह है कि बीजेपी से कौन सबसे मजबूत दावेदार होगा? दूसरे-तीसरे नंबर पर दौड़ में कौन चल रहा है? 

सबसे मजबूत दावेदार सतीश पूनिया

राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक 8 महीने पहले आलाकमान ने सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। हालांकि उनका कार्यकाल पूरा हो गया था, लेकिन आलाकमान के इस निर्णय से पूनिया आहत हो गए थे। पूनिया चाहते थे कि विधानसभा चुनाव तक आलाकमान उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बने रहने का मौका देता। उस दौरान पार्टी में चर्चा थी कि जातीय समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण चेहरे सीपी जोशी को इस पद पर बैठाया गया था।

पूनिया को 2019 में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें मार्च, 2023 को पद से हटा दिया गया। हालांकि पूनिया का निर्वाचित कार्यकाल दिसंबर 2022 में ही पूरा हो गया था। वे 3 वर्ष तक इस पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के आदिवासी इलाकों सहित कई क्षेत्रों के दौरे किए और अपनी टीम तैयार की। कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में भी घायल हुए। भाजपा की प्रदेश की राजनीति में उनका प्रभाव माना जाता है। इस कारण अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद उन्हें उप नेता प्रतिपक्ष पद मिला और अब वे हरियाणा के प्रभारी हैं।

दूसरे बड़े दावेदार राजेंद्र राठौड़

लम्बा राजनीतिक अनुभव और संसदीय समझ राजेंद्र राठौड़ को अन्य नेताओं से आगे रखती है। सूत्रों के अनुसार भाजपा आलाकमान राठौड़ की भूमिका को तय करने के लिए जुटी हुई है। इस कारण पार्टी राज्यसभा चुनाव को लेकर भी राठौड़ के नाम पर विचार कर रही है। राठौड़ बड़े नेता होने के साथ-साथ प्रदेश में बीजेपी का राजपूत चेहरे के रूप में देखे जाते हैं। ऐसे में वे राज्यसभा चुनाव में दावेदारों की दौड़ में शामिल हैं।

राजेंद्र राठौड़ लगातार 7 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 8वां विधानसभा चुनाव हार गए। पिछले विधानसभा चुनाव में राठौड़ को चूरू जिले की तारानगर सीट से टिकट दिया गया था। राठौड़ पर आरोप है कि इस चुनाव प्रचार के दौरान उनके बयानों से जाट समाज नाराज हो गया। इस चुनाव की हार के बाद राठौड़ का नाम इसी साल हुए लोकसभा चुनाव की टिकट वितरण के दौरान भी छाया रहा था। माना जा रहा है कि जाट समाज की नाराजगी के चलते उन्हें टिकट नहीं मिली।

बीजेपी आलाकमान ने चूरू लोकसभा सीट पर नए चेहरे देवेंद्र झाझड़िया को मौका दिया था। जाट समाज यहां एक बड़ा वोट बैंक होने के नाते बीजेपी को उनकी जीत की उम्मीद थी। चूरू से होने के कारण राठौड़ ने झाझड़िया को जिताने के लिए बहुत मेहनत की। लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इससे भी उनकी छवि को थोड़ी चोट पहुंची। राजनीतिक हलको में चर्चा रहती है कि शेखावाटी में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन का ठीकरा राजेंद्र राठौड़ के खाते में चला गया।

 

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
कर्जदारों से परेशान होकर सुसाइड किया:मृतक के पास मिले सुसाइड नोट में तीन जनों के नाम, जिनसे कर्ज ले रखा था | 16 महीने में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ:सीकर में सीएम बोले- 69 हजार युवाओं को नियुक्ति-पत्र दिए, सरकार की उपलब्धियां गिनाईं | मंडावा-मुकुंदगढ़ दौरे में मुख्यमंत्री ने की जनसभाएं, ढिगाल टोल प्लाजा पर हुआ भव्य स्वागत, जिलेभर में 11 कार्यक्रमों में की शिरकत | अखिलेश यादव का सामाजिक न्याय पर फोकस: आगरा से 2027 की चुनावी रणनीति का आगाज़ | अमेरिकी उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में लगेंगे 7-IPS समेत 2400 जवान:जयपुर के हॉस्पिटल में हर ब्लड ग्रुप के 5 यूनिट रिजर्व, मिलने वालों का कोरोना टेस्ट होगा | Rajasthan: "आपसे दोबारा कैसे बात होगी बाबा", क‍िरोड़ी लाल मीणा ने मह‍िला के हाथ पर ल‍िख द‍िया अपना मोबाइल नंबर | Rajasthan: पत्नी की डेड बॉडी को कंधे पर डालकर अस्पताल में घूमता रहा शख्स, पोछा लगाते समय लगा था करंट | Rajasthan: जोधपुर में 7 दिन बाद पाइपलाइन लीकेज हुआ बंद, अब सेना के जवान निकालेंगे खेतों में बहा लाखों लीटर पानी | सोनिया, राहुल और लालू ज़मानत पर बाहर हैं, इनका राजनीतिक शुद्धीकरण करना ज़रूरी है- मदन राठौड़ | Alwar News: झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से प्रेग्नेंट महिला का हुआ गर्भपात,शिकायत करने पर पति को लाठियों से पीटा |