‘पीएम ई-बस सेवा’, प्रमुख शासन सचिव ने अधिकारियों के साथ की बैठक कहा-रूट्स और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्राक्चर जल्द करें डेवलप, प्रदेश को मिली 500 के अतिरिक्त 175 और इलेक्ट्रिक बसें

पीएम ई-बस सेवा’ को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने और आमजन को सुगम-प्रदूषण मुक्त सफर देने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के विशेष प्रयासों से पहले की गई 500 बसों के अतिरिक्त अब 175 इलेक्ट्रिक बसों का आवंटन किया गया है। इसी कड़ी में स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव  टी. रविकांत ने निदेशालय में विभागीय अधिकारियों और स्थानीय निकायों के आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों की बैठक ली। 

 

बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन हेतु सिविल एवं विद्युत इन्फ्रास्ट्राक्चर, डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य, की प्रगति एवं पूर्व में शहरों को आवंटित बसों के अतिरिक्त बसों के आवंटन को लेकर चर्चा की गई। 

 

 

पहले 500, अब 175 अतिरिक्त इलेक्ट्रिक बसों का आवंटन—

 टी. रविकांत ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले केंद्र से 500 इलेक्ट्रिक बसें मिली थी, लेकिन अब 175 अतिरिक्त बसों का और आवंटन किया गया है। जिसके तहत अजमेर को 50, जोधपुर को 50, कोटा को 50 और बीकानेर को 25 इलेक्ट्रिक बसों का आवंटन किया गया है। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को जल्द किया जाए

 

 

डेवलप प्रमुख शासन सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए डिस्काॅम्स के साथ चर्चा की जाए और पावर लाइन्स के लिए समन्वय के साथ उन्हें जल्द से जल्द डेवलप किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी कमिश्नर भूमि का मौका मुयाअना खुद करें और फील्ड में जाकर साइट्स को देखें, ताकि भूमि आवंटन संबंधी प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके।

 

 

बेस्ट रूट्स पर फोकस कर सुगम बनाएं सफर—  टी. रविकांत ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए शहरों में खासतौर पर भीड़ वाले इलाकों को चिह्नित किया जाए और बेस्ट रूट्स की पहचान की जाए, ताकि लोगों के सफर को सुगम बनाया जा सके। 

 

 

एक्स्पर्ट्स के साथ मिलकर बनाएं सुव्यवस्थित प्लानिंग—

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शहरी विकास को एक नई दिशा प्रदान करेगा। ऐसे में प्रोजेक्ट के साथ ट्रांसपोर्ट ऑपरेशन स्पेशलिस्ट जैसे एक्स्पर्ट्स को भी जोड़कर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर शहरी ट्रांसपोर्ट सेल बनाई जाए, जो प्रोजेक्ट की सघन माॅनिटरिंग करे और पाॅलिसी लेवल मुद्दों पर अपनी राय रखे। उन्होंने नाॅन फेयर रेवेन्यू जैसे शाॅप्स आदि के लिए भी प्लान बनाने के लिए निर्देश दिए। 

 

 

बैठक में डीलबी निदेशक व संयुक्त सचिव  सुरेश कुमार ओला, वित्तीय सलाहकार  महेन्द्र मोहन, मुख्य अभियंता रूडिस्को  प्रदीप गर्ग, प्रबंध निदेशक जेसीटीएसएल सहित अन्य उच्च अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही सभी स्थानीय निकायों के आयुक्त और अधिकारी वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में जुड़े।

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