हाड़ौती संभाग में बारिश का दौर जारी है. इसके चलते नदी नाले भी उफान पर हैं. दूसरी तरफ हाड़ौती के डैम की बात की जाए तो यहां छोटे-बड़े मिलाकर 80 डैम हैं. इनमें से 31 डैम पूरी तरह से फुल हो चुके हैं और उनमें तेजी से पानी का प्रवाह हो रहा है. इसके अलावा 24 डैम ऐसे हैं, जिनमें 50 फीसदी से ज्यादा पानी आ गया है. जबकि 23 डैम ऐसे हैं, जिनमें अभी 50 फीसदी से कम पानी है.
कोटा संभाग मुख्यालय के बारिश के कोटे की बात की जाए तो अगस्त माह में अब तक 770 एमएम बारिश हो चुकी है. यह औसत बारिश से अधिक है. ऐसे में आने वाले दिनों में भी बारिश होने की संभावना बनी हुई है. इससे इस साल औसत से ज्यादा बारिश कोटा में होगी, जिससे इस बार लगभग सभी डैमों के फुल होने की संभावना है. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार आज भी कोटा में 52.2 मिलीमीटर यानी करीब 2 इंच से ज्यादा बारिश सुबह 8:30 बजे से रात 8:30 बजे तक रिकॉर्ड की गई है.
जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि कोटा संभाग में 4.25 मिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा क्षमता के 47 बांध हैं. इनमें से 16 बांध फुल हो गए हैं, जबकि 17 में आधे से ज्यादा पानी आ गया है. वहीं, 16 बांधों में आधे से कम पानी है. इधर, 4.25 एमक्यूएम से छोटे बांध की बात की जाए तो 17 डैम पूरी तरह से भर चुके हैं. वहीं, 8 डैमों में 50 फीसदी से ज्यादा पानी है.
इसी तरह से 8 डैम ऐसे हैं, जिनमें अभी आधे से कम पानी आया है. इनमें आने वाले बांधो में बारां जिले में गोपालपुरा, ल्यासी, बिलास, उम्मेद सागर, इकलेरा सागर, रटलाई, कालीसोट व छतरपुरा फुल हो चुके हैं. इसी तरह से बूंदी जिले में बरधा, पैबालपुरा, चाकन, भीमलत, बड़ानयागांव, झालावाड़ जिले में गागरिन, रीवा व रोशनबाड़ी भी ओवरफ्लो हो चुके हैं. जबकि कोटा जिले में कोटा बैराज फुल है. उससे कई बार पानी डिस्चार्ज भी किया जा चुका है. इसी तरह झालावाड़ के छापी, रायगढ़ और कालीसिंध से पानी की निकासी भी की जा चुकी है.
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