13 अगस्त विश्व अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन आमजन को अंगदान से जुड़े मुद्दों को लेकर जागरूक किया जाता है. अंगदान को लेकर अगर राजस्थान की स्थिति की बात की जाए तो पिछले कुछ सालों में अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ने लगी है, लेकिन आज भी प्रदेश में ऐसे रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिन्हें जीवित रहने के लिए अंगों की आवश्यकता है.
इसे लेकर राजस्थान में स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन की ओर से मुहिम भी चलाई जा रही है और लोगों जागरूक भी किया जा रहा है. ऑर्गन डोनेशन के क्षेत्र में काम कर रही और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ स्वाती तोमर का कहना है कि राजस्थान में फिलहाल ऑर्गन डोनेशन को लेकर जागरूकता की काफी कमी है, जबकि देश के कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां ऑर्गन डोनेशन को लेकर आम लोग काफी जागरूक हैं.
ब्रेन डेड हुए व्यक्ति के अंगों से करीब आठ लोगों को नई जिंदगी दी जा सकती है. ऐसे में लोगों को आगे आकर अंगदान की मुहिम से जुड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगातार ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिनको जिंदगी बचाने के लिए अंगो की आवश्यकता है, लेकिन अंगदान नहीं होने के चलते जरूरतमंद लोगों को अंग नहीं मिल पा रहे हैं. इसके अलावा लोगों में अंगदान को लेकर भ्रांतियां भी काफी है.
प्रदेश में अंगदान की स्थिति
मौजूदा समय में राजस्थान में अंगदान की स्थिति की बात करें तो क़रीब 116 ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रदेश में हो चुके हैं, जबकि 48 से अधिक डोनर्स ने अंगदान किया है, जिसमें 79 किडनी ट्रांसप्लांट, 26 लीवर ट्रांसप्लांट, 9 हार्ट ट्रांसप्लांट, 1 लंग ट्रांसप्लांट, 1 पेन्क्रियाज ट्रांसप्लांट शामिल हैं.
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