दिल्ली हाईकोर्ट आज भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कालोनी में शिफ्ट करने के मामले पर सुनवाई करेगा. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी. बता दें कि 13 अगस्त को दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट से कहा था कि वो 16 अगस्त तक भलस्वा डेयरी में डिमोलिशन की कोई कार्रवाई नहीं करेगा. दरअसल भलस्वा डेयरी के निवासियों की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली नगर निगम के बुलडोजर भारी पुलिस बल के साथ इलाके में डेमोलिशन करने पहुंच गए हैं. उसके बाद दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट को 16 अगस्त तक कोई कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिया था.
हाईकोर्ट ने जताई थी सख्त नाराजगी
हाईकोर्ट ने भलस्वा डेयरी में अतिक्रमण की कार्यवाही के दौरान चार लोगों की मौत होने की गलत सूचना पर सख्त नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा था कि, "आपने कहा कि वहां चार मौत हुई लेकिन कोई मौत नहीं है, यह पूरी तरह से गलत है. आप इस मामले में कोई भावनात्मक और राजनीतिक रूप न दें."
भलस्वा डेयरी को शिफ्ट करने का आदेश
बता दें कि इसके पहले 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कालोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. इसी आदेश का अनुपालन करते हुए दिल्ली नगर निगम की टीम पुलिस बलों के साथ भलस्वा डेयरी डेमोलिशन करने पहुंची थी.
डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है
याचिका सुनयना सिब्बल, अशर जेसुदौस और अक्षिता कुकरेजा ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि लैंडफिल साईट के पास बनी डेयरियां कानून का खुला उल्लंघन कर रही हैं. इन डेयरियों में पशुओं के साथ क्रूरता बरती जाती है और जानवरों की अधिकता इतनी ज्यादा है कि कई बार जानवरी मल पर ही लेटी रहती हैं. इससे मच्छर पैदा होते हैं.
याचिका में कहा गया है कि इसके पहले हाईकोर्ट ने इन डेयरियों को दिल्ली के नगर निगम के इलाकों से बाहर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर गौरी पुरी ने कोर्ट को बताया था कि इन डेयरियों में पशुओं को ऑक्सीटोसिन की खुराक धड़ल्ले से दी जाती है ताकि दूध ज्यादा निकाला जा सके.
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