भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक 2024 में इतिहास रचने के बाद आज यानि शनिवार सुबह 10:30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची, जहां पर उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान विनेश के साथी बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक भी वहां मौजूद थे, जिन्होंने विनेश को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका भारत में बैलकम किया. इसके साथ ही अन्य लोगों ने विनेश को सॉल उड़ाकर और फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया.
दिल्ली एयरपोर्ट पर विनेश का हुआ भव्य स्वागत
विनेश की दोस्त साक्षी मलिक और उनके रिश्तेदार और करीबी दोस्त बजरंग पुनिया एयरपोर्ट के बाहर ही विनेश का इंतजार करते हुए नजर आए. विनेश जैसे ही उनसे मिली वैसी ही वो रो पड़ी, उनको रोता हुआ देख उनके फैंस भी भावुक नजर आए. एयपोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में विनेश के फैंस मौजूद नजर आए. विनेश के भारत आने पर उनके फैंस ने ढोल-नगाड़े बजाकर उनका स्वागत किया. उनके स्वागत में भारी भड़ी देखी गई और जगह-जगह लोग उनके लिए जश्न मनाते हुए नजर आए.
विनेश ने पूरे देश का किया धन्यवाद, साक्षी ने की सम्मान देने की बात
विनेश को भारी भीड़ी के बीच कार में बैठाकर रैली निकाली गई. इस दौरान उनके साथ बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक भी मौजूद रहे. विनेश ने मीडिया से बात करते कहा, पूरे देश को धन्यवाद. वहीं बजरंग ने भी देश को धन्यावद कहा, तो साक्षी ने बोला, विनेश ने जो देश के लिए किया है वो बहुत कम लोग करते हैं, मैं चाहती हूं कि विनेश को जितना मान-सम्मान और प्यार दोगे वो अच्छा है. उसे ज्यादा से ज्यादा मान-सम्मान दें.
क्या था विनेश फोगाट का पूरा मामला
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में महिलाओं के 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में प्रवेश किया था. इसके साथ ही वो इतिहास रचते हुए कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थी. लेकिन फाइनल मुकाबले की सुबह विनेश ओवरवेट पाई गईं और उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया. आपको बता दें कि पहले दिन विनेश का वजन 49.9 किग्रा था.
उन्होंने तीन वाउट लड़ी और फाइनल में जगह बना ली. अगले दिन उनका वजन 50. 100 किग्रा पाया गया और उन्हें फाइनल मुकाबला खेलने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया. इस फैसले के खिलाफ विनेश और आईओए ने सीएएस में संयुक्त सिल्वर पदक की मांग की थी. उसके बाद सीएएस ने विनेश की सुनवाई की अपील को स्वीकार कर लिया था. लेकिन फैसला विनेश के पक्ष में नहीं आया और अंत में सीएएस ने उनके सिल्वर मेडल की मांग को खारिज कर दिया.
इसके बाद भारत की बेटी, जो पेरिस ओलंपिक में शेरनी की तरह मैट पर लड़ती हुई नजर आई. वो पेरिस से भारत खाली हाथ लौटी है, लेकिन वो हारकर भी लाखों-करोड़ों भारतीय के दिल जीत चुकी है. क्योंकि उन्होंने पेरिस में जो संघर्ष किया है वो पूरे देश से छिपा हुआ नहीं हैं.
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