यूपी के गोंडा में गुरुवार दोपहर 2.37 बजे चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं। इनमें AC की 5 बोगियां हैं। 3 बोगियां पलटी खा गईं। हादसे में 3 यात्रियों की मौत हो गई, 25 घायल हैं। वहीं, 2 यात्रियों के पैर कट गए। ज्यादातर घायल यात्री AC कोच के बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद यात्री खिड़की के कांच तोड़कर बाहर कूदे।
ट्रेन (15904) चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही थी। हादसा झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच गोसाई डिहवा में हुआ। सूचना मिलते ही रेलवे अफसर मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। SDRF टीम मौके पर है। ट्रेन के अंदर फंसे लोगों को बोगियां काट कर निकाला गया। पूर्वोत्तर रेलवे के CPRO पंकज कुमार ने बताया- लोको पायलट ने एक्सीडेंट के पहले धमाके की आवाज सुनी थी। हालांकि, DGP प्रशांत कुमार ने किसी तरह के विस्फोट होने की बात से इनकार किया है।
वहीं, रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया है। गंभीर घायलों को ढाई लाख और मामूली घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। साथ ही मामले की हाई-लेवल जांच के आदेश दिए गए हैं। हादसा स्थल की अयोध्या से दूरी 38 किमी और लखनऊ से 185 किमी है।
हादसे के दो मृतकों की शिनाख्त हुई, एक ने लखनऊ में दम तोड़ा
हादसे में बरेली की धनेटी तहसील में रहने वाले राहुल (38) और सरोज कुमार सिंह (31) की मौत हुई है। वहीं, लखनऊ के KGMU लाए गए 3 घायलों में से 1 की देर रात मौत हो गई। मृतक की उम्र करीब 20 साल है। 2 अन्य मरीजों का KGMU के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।
गोंडा में रेल हादसे के बाद लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई। यहां करीब 10 हजार यात्री फंसे हैं। कुल 10 ट्रेनों का रूट बदला गया है। तीन ट्रेनें स्टेशन पर खड़ी हैं। परेशान यात्रियों का कहना है कि हमारे पास कोई और विकल्प नहीं है, लग रहा है यही रात गुजारनी पड़ेगी।
लखनऊ रेलवे स्टेशन पर गुवाहाटी-जम्मू तवी एक्सप्रेस करीब 5 घंटे लखनऊ जंक्शन पर खड़ी रही। फिर उसे मनकापुर-अयोध्या-बाराबंकी रूट से निकाला गया। आसपास के कई यात्री ट्रेन को छोड़कर बस और अन्य सवारी वाहनों के जरिए अपने गंतव्य की तरफ निकले।
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