बी-2 बाइपास के शिप्रा पथ चौराहे पर शुक्रवार सुबह 7 बजे 44 साल पुरानी सीवर लाइन टूट गई। इससे शिप्रापथ चौराहे पर 20 फीट लंबा-चौड़ा और 10 फीट गहरा गड्ढा हाे गया। सूचना पर पहुंची निगम टीम ने मौके पर एक तरफ का रास्ता बंद कर दिया। सुबह 10 बजे ट्रैफिक बढ़ते ही मानसरोवर की ओर जाने वाले रास्ते सहित आसपास के रास्तों पर जाम लग गया।
जाम की सूचना मिलते ही यातायात पुलिस ने किसान धर्मकांटा से भारी वाहनों को डायवर्ट कर न्यू सांगानेर रोड होते हुए टोंक रोड की तरफ डायवर्ट कर दिया। इसी तरह जवाहर सर्किल से बी-2 बाइपास की तरफ जाने वाले भारी वाहनों को भी सांगानेर की तरफ डायवर्ट किया गया।
पुलिस का कहना है कि यह डायवर्जन गड्ढे की मरम्मत होने तक जारी रहेगा। वहीं, ग्रेटर निगम के एक्सईएन महेश शर्मा का कहना है कि लाइन को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है। 3-4 दिन लगेंगे।
दो बार पहले भी टूट चुकी है लाइन
यह लाइन इतनी जर्जर हो चुकी है कि तीसरी बार टूटी है। इससे पहले दो साल से अलग-अलग जगह से टूटी थी। सीवर लाइन के ऊपर से पानी की लाइन, टेलीफोन व अन्य लाइनें भी गुजर रही हैं। लाइन सुधारने 20 लोगों की टीम लगी है।
आगे क्या - अमृत योजना में 15 सितंबर के बाद बदलेगी लाइन, टेंडर हो चुके
एक्सईएन शर्मा ने बताया कि नई लाइन डालने के लिए अमृत योजना 0.2 में शामिल किया गया है। टेंडर हो चुके हैं। वर्क ऑर्डर बाकी है। मानसून में सड़क खोदने पर रोक है। 15 सितंबर के बाद ही काम शुरू होने की उम्मीद है।
बी-2 बाइपास की यह सीवर लाइन हाउसिंग बोर्ड ने मानसरोवर काॅलोनी बसाने के समय 44 साल पहले डाली थी। तब से अब तक क्षेत्र की जनसंख्या और यूजर चार गुना बढ़ गए। ऐसे में क्षमता से चार गुना बोझ ढोने से सीवर लाइन टूट गई। ग्रेटर निगम के कई मुख्य मार्गों पर 25 से 50 साल पुरानी लाइनें डली हैं।
अन्य लाइन डालते समय सुराख छोड़ने से बैठती है सीवर लाइन
रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता पुरुषोत्तम जेसवानी का कहना है कि सीवर लाइन के पास अन्य लाइन या केबल डालते समय जगह छोड़ दी जाती है, जबकि उस पूरे एरिये को लिक्विड सीमेंट से भरना चाहिए। ऐसे में बारिश का पानी सुराख में जाने से मिट्टी बैठ जाती है। सुबह सीवर लाइन में ज्यादा प्रेशर होता है और खाली जगह के पास जहां जॉइंट होता है, वहां से बैठ जाती है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.