रामगढ़ बांध क्षेत्र में हुए अतिक्रमण का सरकार ने सर्वे करवाने का फैसला किया है। चार विभागों की टीम बनाकर जॉइंट सर्वे करवाया जाएगा। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने रामगढ़ बांध क्षेत्र में अतिक्रमण के सर्वे के लिए टीम बनाने के निर्देश दिए हैं। रावत ने कहा- रामगढ़ बांध क्षेत्र में सर्वे टीम की रिपोर्ट के बाद अतिक्रमण पाए जाने पर तत्काल उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री रावत ने कहा- रामगढ़ बांध में भराव और बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण के सर्वे के लिए जल संसाधन, राजस्व, जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) और जिला कलेक्ट्रेट जयपुर के प्रतिनिधि सहित अन्य संबंधित विभाग के वरिष्ठ अफसरों की संयुक्त जांच टीम बनाने निर्देश दिए गए हैं। संयुक्त जांच टीम तत्काल ही मौके पर जाकर रामगढ़ बांध क्षेत्र का मौका निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करेगी।
हाईकोर्ट में पेश की जाएगी एक्शन रिपोर्ट
रावत ने कहा- हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी ने बांध क्षेत्र के कुछ स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां अतिक्रमण की स्थिति बताई गई है। ऐसे सभी स्थानों की संबंधित विभागों से जांच करके अनुपालना रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजी जाएगी। विधानसभा में रामगढ़ बांध से जुड़े सवाल के जवाब में अगर गलत तथ्य दिए हैं तो इसकी भी जांच होगी, जल संसाधन विभाग के एसीएस को इसकी जांच करने को कहा है। इसमें कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बांध क्षेत्र में पांच साल में जारी एनओसी की जांच होगी मंत्री रावत ने कहा- रामगढ़ बांध क्षेत्र में निर्माण से संबंधित पिछले पांच साल में जल संसाधन विभाग से राजस्व विभाग, जेडीए सहित सभी संस्थाओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी किए गए हैं तो इसकी जांच करवाई जाएगी। यदि किसी भी प्रकार का गलत अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है या खामी पाई गई है तो इसमें लिप्त अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ खिलाफ सख्त एक्शन होगा।
पहले विभाग ने कहा था- कोई अतिक्रमण नहीं
बता दें कि रामगढ़ बांध में अतिक्रमण को लेकर जमवारामगढ़ के विधायक महेंद्र पाल मीणा ने सदन में सवाल लगाया था। जल संसाधन विभाग ने जवाब दिया था कि रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में वर्तमान में कोई अतिक्रमण चिह्नित नहीं है। चार तहसीलों की 323.30 हेक्टेयर बहाव क्षेत्र की जमीन पर 640 अतिक्रमणों को हटा दिया है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.