गहलोत सरकार की लोकलुभावन योजनाओं को भजनलाल सरकार ने समेटना शुरू कर दिया है। गहलोत राज में शुरू की गई फ्री स्मार्टफोन योजना फिलहाल स्थगित है। वहीं, 100 यूनिट फ्री बिजली देने की स्कीम से अब नए लोगों को नहीं जोड़ा जाएगा। दोनों योजनाओं को लेकर पूछे गए अलग-अलग सवालों के जवाब में सरकार ने विधानसभा में लिखित जवाब देकर रुख साफ कर दिया है।
सरकार ने साफ किया है कि फ्री स्मार्टफोन स्कीम विधानसभा चुनावों की आचार संहिता के समय से स्थगित है। आगे इस पर फाइनल फैसला होगा। इसे स्कीम को बंद करने से जोड़कर देखा जा रहा है।
विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लगते ही स्मार्टफोन प्रोजेक्ट स्थगित
कांग्रेस विधायक विकास चौधरी के जनवरी 2024 तक कितने फ्री स्मार्टफोन बांटने के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया- 24,56,001 महिलाओं को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से फ्री स्मार्टफोन बांटे थे। इस प्रोजेक्ट को विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होते ही 9 अक्टूबर 2023 से स्थगित कर दिया गया।
आगे योजना को जारी रखने या बंद करने के सवाल पर सरकार ने सीधा जवाब देने की जगह लिखा है कि योजना से महिलाओं को हुए लाभ और जनहित का परीक्षण करके स्मार्टफोन योजना पर आगे फैसला किया जाएगा। तीन महीने पहले भी इसी तरह का जवाब दिया गया था।
फ्री स्मार्टफोन योजना पर 1745 करोड़ खर्च किए
इस योजना पर 2023-24 में 1811.30 करोड़ के बजट का प्रावधान था, इसमें से 1745.22 करोड़ खर्च किया गया। इस खर्च में DBT किए गए 1670.08 करोड़ भी शामिल है। मोबाइल बांटने के लिए दो महीनों तक 490 से ज्यादा कैंप लगाए गए, उन पर 75.14 करोड़ खर्च किए गए।
100 यूनिट फ्री बिजली के लिए 98.23 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए
बारां-अटरू से बीजेपी विधायक राधेश्याम बैरवा के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने लिखित जवाब में बताया- पिछली सरकार की मुख्यमंत्री फ्री बिजली योजना (घरेलू अनुदान) का लाभ केवल उन रजिस्टर्ड पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है, जिन्होने एक जनआधार से एक घरेलू कनेक्शन को रजिस्टर्ड करवाया है। इस योजना में जून 2023 से मार्च 2024 तक 98.23 लाख घरेलू उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिन उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया, उन सबको योजना का लाभ दिया गया।
फ्री बिजली स्कीम से नए लोग नहीं जुड़ेंगे
वंचित रहे उपभोक्ताओं को योजना का लाभ देने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने जवाब में बताया- इस योजना के तहत एक जनआधार से एक घरेलू कनेक्शन रजिस्ट्रेशन पर ही योजना का लाभ देने का प्रावधान है। बचे हुए घरेलू उपभोक्ताओं, जिन्होने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, वे या तो अपात्र थे या अनुदान लेने के इच्छुक नहीं थे। वंचित रहे उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
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