जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शनिवार सुबह एनकाउंटर में राइफलमैन मोहित राठौर शहीद हो गए, जबकि मेजर समेत 4 जवान घायल हैं। मुठभेड़ माछिल सेक्टर के पास जंगल एरिया में हुई। इसमें एक पाकिस्तानी आतंकी के मारे जाने की खबर है।
सुरक्षाबलों को कुपवाड़ा के कमकारी इलाके में इनकी खबर मिली। सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी। हमले के बाद आतंकियों के जंगल में भागने की आशंका है। सुरक्षाबल जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। यह हमला कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के एक दिन बाद हुआ है। 26 जुलाई को पीएम मोदी ने कारगिल से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था- भारतीय सेना आतंकवाद को कुचल देगी और दुश्मन के मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देगी।
डोडा पुलिस ने डेसा के ऊपरी इलाकों में घूम रहे तीन आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं। जानकारी देने पर 5 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। डोडा के डेसा में 15 जुलाई को आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन और पुलिसकर्मी समेत 5 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में ये तीन आतंकवादी शामिल थे।
सरकार ने ओडिशा से जम्मू भेजीं BSF की 2 बटालियन
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच सरकार ने BSF की 2 बटालियन को ओडिशा से जम्मू भेजा है। इनमें 2 हजार से ज्यादा जवान हैं। BSF बटालियन को सांबा और जम्मू-पंजाब बॉर्डर पर तैनात किया जा सकता है। दिल्ली और जम्मू में सिक्योरिटी फोर्स के अधिकारियों की बैठकों के बाद जम्मू में BSF की तैनाती बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
जम्मू में जैश और लश्कर का 20 साल पुराना नेटवर्क एक्टिव
जम्मू रीजन में सेना ने 20 साल पहले पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के जिस लोकल नेटवर्क को सख्ती से निष्क्रिय कर दिया था, वो पूरी ताकत से फिर एक्टिव हो गया है। पहले ये लोग आतंकियों का सामान ढोने का काम करते थे, अब उन्हें गांवों में ही हथियार, गोला बारूद और खाना-पीना दे रहे हैं।
बीते दिनों जिन 25 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, उन्होंने पूछताछ में इसके सुराग दिए हैं। यह नेटवर्क जम्मू के 10 में से नौ जिलों राजौरी, पुंछ, रियासी, ऊधमपुर, कठुआ, डोडा, किश्तवाड़, जम्मू और रामबन में जम चुका है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य के मुताबिक, आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान आर्मी और ISI ने जम्मू को टारगेट करना शुरू कर दिया था। उसने दो साल में इस नेटवर्क को सक्रिय किया। इन्हीं की मदद से आतंकियों ने 2020 में पुंछ और राजौरी में सेना पर बड़े हमले किए। फिर ऊधमपुर, रियासी, डोडा और कठुआ को निशाने पर लिया।
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