दौसा सीट पर पायलट और किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर, SC-ST वर्ग के मतदाता सर्वाधिक, दस साल से कांग्रेस का कब्जा

Rajasthan by-Election:  राजस्थान के 7 विधानसभा सीटों पर कल (13 नवंबर) को मतदान होगा. इन सात सीटों में दौसा विधानसभा सीट भी शामिल है. दौसा सीट पर कुल 240 बूथों पर 2 लाख 46 हजार मतदाता वोट डालेंगे. कांग्रेस पार्टी से दीनदयाल बैरवा उर्फ डीसी बैरवा और बीजेपी से जगमोहन मीणा मैदान में हैं. निर्दलीय प्रत्याशी देवी सिंह, विप्र गोयल, मख्खन लाल मीणा, पीपल्स पार्टी से रितु शर्मा सहित 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. दौसा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. 

"यह टिकट सचिन पायलट का है"

यह टिकट सचिन पायलट का है, उनके ही निर्देश आये हैं, यह बात दीनदयाल बैरवा ने टिकट मिलने से एक दिन पहले कही थी. तब तक तो उनके टिकट का ऐलान भी नहीं हुआ था. ऐसे में साफ़ है कि इस टिकट में सिर्फ सचिन पायलट की चली है. उसका एक दूसरा कारण भी है, वो यह है कि मुरारी लाल मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर किसे टिकट मिले इसमें मुरारी लाल मीणा का किरदार भी अहम हो गया था. ऐसे में उनकी राय को भी प्रमुखता से रखा गया. और यह सब जानते हैं कि मुरारी मीणा सचिन पायलट के कितने करीबी हैं. 

मुरारी लाल मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हो गई सीट  

दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के मुरारी लाल मीणा दौसा से सांसद निर्वाचित हुए उसके बाद यह सीट खाली हो गई. अब उप-चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ताकत झोंक दी है. साल 2013 से पहले यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है. लेकिन, सचिन पायलट के करीबी मुरारी लाल मीणा ने इस सीट पर कब्जा जमाकर कांग्रेस का गढ़ बना दिया है, जो पिछले दस सालों से भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है. 

दस साल से कांग्रेस का कब्जा 

दौसा विधानसभा सीट पर बीजेपी के शंकर लाल शर्मा ने साल 2013 में जीत हासिल की थी. हालांकि, इसके बाद साल 2018 और 2023 में कांग्रेस उम्मीदवार मुरारी लाल मीणा से हार का सामना करना पड़ा. मुरारी लाल मीणा ने शंकर शर्मा को 2023 के विधानसभा चुनाव में 31204 वोटों से हराया.

दौसा सीट पर सबसे अधिक मतदाता  SC-ST वर्ग के हैं

दौसा सीट पर सबसे अधिक मतदाता  SC-ST वर्ग के हैं. एसटी मतदाता 60 से 65 हजार और SC मतदाता 50 से 55 हजार के बीच हैं. 25 हजार OBC और सामान्य वर्ग के करीब 70 हजार मतदाना हैं. बाकी अन्य हैं. भाजपा एससी-एसटी को तोड़ने कामयाब होती है, तो भाजपा विजय हो सकती है. दौसा सीट पर कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मीणा फैक्टर काफी मजबूत माना जाता है तो वहीं भाजपा के पूर्वी राजस्थान के नेता भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का भी  प्रभाव माना जाता है. 

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