बाड़मेर जिले की चौहटन, गुड़ामालानी और धोरीमन्ना तीन बड़ी ग्राम पंचायतों को नगरपालिका घोषित किया गया है। ग्राम पंचायत की सीमा को नगरपालिका की सीमा मानते हुए मौजूदा सरपंच को अध्यक्ष का दायित्व है एवं वार्ड पंच अब पार्षद बनाए गए है। 11 माह में इन नगरपालिकाओं का संचालन कैसे होगा और किस तरह से अब यह कार्य करेगी इसको लेकर खाका तैयार हो रहा है।
तीनों ग्राम पंचायतों का मौजूदा क्षेत्रफल ही नगरपालिका की क्षेत्रफल माना जाएगा। परिसीमन होने के बाद में ही फिर पूरे नगरपालिका क्षेत्र तैयार होगा। अभी इस पूरे क्षेत्र के विकास की जिमेदारी नगरपालिका की होगी। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।
धोरीमन्ना
गुड़ामालानी
बाड़मेर जिला अब
नगर परिषद-01
नगरपालिका-03
नगर परिषद बाड़मेर
चौहटन, नगरपालिका
गुड़ामालानी, नगरपालिका
धोरीमन्ना, नगरपालिका
ग्राम पंचायत की वर्ष 2011 की जनगणना की आबादी को इस क्षेत्र में शामिल किया गया है। ऐसे में नगरपालिका नियम के अनुसार एक व्यक्ति पर 2700 रुपए मासिक विकास कार्य खर्च होने है। जिसमें मूलभूत सुविधाओं पर व्यय होंगे। स्टाफ की तनवाह इसके अलावा होगी। ऐसे में इससे सडक़,बिजली, पानी, सफाई और अन्य इंतजाम पर यह व्यय हो सकेगा।
अभी राजस्थान सरकार ने यहां प्रशासनिक बॉडी तय नहीं की है। ऐसे में क्षेत्र में कार्यरत तहसीलदार या एसडीएम को नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी का कार्यभार देकर इसको संचालित करने की संभावना है। नियमानुसार अधिनस्थ 04 एलडीसी, एक यूडीसी और चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्य करेंगे। पंचायतीराज का वर्तमान का स्टाफ यथा ग्राम विकास अधिकारी और अन्य पंचायतीराज में चले जाएंगे।
नगरपालिका नियम के अनुसार नगरपालिका क्षेत्र की सफाई के लिए 1000 व्यक्ति पर 04 सफाईकर्मियों को नियुक्त किया जाना है। ग्राम पंचायत में पूर्व में कार्य करने वाले सफाईकर्मी अभी यथावत रहेंगे। अन्य कर्मियों को संविदा या ठेके पर रखने के लिए प्रबंध राज्य सरकार की ओर से किया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने यहां नगरपालिका तो घोषित कर दी है लेकिन संसाधन अभी नहीं है। ऐसे में नगरपालिका वैकल्पिक व्यवस्था पर किराए पर संसाधन ले सकेगी, जिसका भुगतान नगरपालिका के बजट के माध्यम से होगा। इसमें ग्राम पंचायत की वर्तमान आय अब नगरपालिका की आय होगी। नगरीय विकास कर से लेकर अन्य कर भी होंगे, जिनसे आय हो सकती है। नगरपालिका स्वायत्त शासी संस्था है तो वह अपने हिसाब से भी कर तय कर सकती है।
वार्ड पंच के चुनाव तक पार्टी नहीं होने से कांग्रेस और भाजपा के कितने पार्षद है यह पता नहीं चला है लेकिन अब जीते हुए वार्ड पंच में से कांग्रेस और भाजपा के अलग-अलग पार्षद होने पर वे अपनी जानकारी देंगे, इस पर पता चलेगा कि पक्ष और प्रतिपक्ष में कौन-कौन है?
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.