Naresh Meena Thappad Kand: देवली-उनियारा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा की ओर से एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड जड़ने का मामला अभी भी गर्म है। इस बीच एसडीएम अमित चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है। एसडीएम चौधरी का कहना है कि वे केवल कलक्टर के आदेश की पालना कर रहे थे। किसी भी तरह की जबरदस्ती वोटिंग नहीं करवाई गई थी।
एसडीएम अमित चौधरी ने कहा कि मुझे करीब 10 बजे जिला कलेक्टर ने एरिया मजिस्ट्रेट के रूप में भेजा था, क्योंकि समरावता गांव में चुनाव बहिष्कार की बातें सामने आ रही थीं। इस दौरान नरेश मीना सोशल मीडिया पर लाइव लेटिकास्ट कर रहे थे। जब मैं वहां गया तो बूथ का रास्ता पूरी तरह से बंद कर रखा था। करीब 12 बजे मैं और तहसीलदार जो कि बूथ लोकेशन पर बैठे हुए थे। इस वक्त करीब 100 पुलिसकर्मियों का जाप्ता तैनात था। अचानक से नरेश मीना चिल्लाते हुए आते हैं और मैं अपना बचाव तक नहीं कर पाया। मेरी नरेश मीना से पहली मुलाकात थी, जो कि अच्छी नहीं रही।
जबरदस्ती मतदान के आरोप पर उन्होंने कहा कि 10 बजे तक बूथ पर एक भी वोट नहीं डला था। जिला कलक्टर ने मुझे इसी काम के लिए वहां भेजा था कि सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करके कुछ वोट डलवाएं। ये उन्हीं के आदेश थे कि अगर किसी प्रकार से भी एक-दो वोट गिर जाते हैं तो बूथ 100 प्रतिशत बायकॉट में नहीं आता। मैं तो केवल सरकारी आदेशों की पालना कर रहा था। इस दौरान एक टीचर, एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और उनके पति ने मत डाला था।
इस बीच पुलिस हवालात से नरेश मीना की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है। इस तस्वीर में नरेश मीना जमीन पर सोए हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल गिरफ्तारी के बाद नरेश मीना को पीपलू पुलिस थाने में रखा गया है। जो तस्वीर सामने आई है उसमें नरेश मीना नींद लेते नजर आ रहे हैं। वहीं एसडीएम का बयान आने के बाद नरेश मीना के सोशल मीडिया अकाउंट से निशाना साधा गया।
बता दें कि समरावता गांव में बुधवार रात हुए पथराव, आगजनी के बाद गुरुवार सुबह देवली-उनियारा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद मीना के समर्थक भड़क गए। समर्थकों ने पुलिस वाहनों को रोकने की कोशिश की और जाम लगा दिया। समर्थकों ने समरावता के उनियारा-गुलाबपुरा नेशनल हाइवे 148 डी और टोंक-सवाईमाधोपुर हाइवे पर अलीगढ़ में जगह-जगह आगजनी की। सड़क पर टायर के साथ बबूल-झाड़ियां लाकर आग लगा दी। साथ ही अवरोधक लगाकर मार्ग जाम कर दिया।
भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उपद्रवियों ने भी पुलिस पर पत्थर फेंके। इस हंगामे के चलते पुलिस ने दोनों हाइवे पर वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी और रास्ता डायवर्ट कर दिया। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। हालांकि शाम को गुलाबपुरा हाइवे सामान्य हो गया और यातायात शुरू हो गया, लेकिन टोंक-सवाईमाधोपुर हाइवे पर अलीगढ़ के पास रात तक जाम था।
समरावता गांव के लोग समझ ही नहीं पाए कि जो प्रदर्शन उन्होंने किया और वो इतना बड़ा बवाल बन जाएगा। बात सिर्फ गांव को नगरफोर्ट से उनियारा तहसील में शामिल करने की थी, लेकिन रात को माहौल बिगड़ गया और पुलिस-समर्थकों के बीच झड़प और पथराव, आगजनी जैसी घटना हो गई।
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