देश भले ही आज 5जी नेटवर्क की तरफ तेजी से कदम बढ़ा चुका है, लेकिन डूंगरपुर जिले के झौथरी उपखंड क्षेत्र का बलवनिया गांव आज भी तकनीकी विकास से कोसों दूर हैं। यहां इंटरनेट स्पीड तो दूर की बात, नेटवर्क सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। अपनों से फोन पर बात करने के लिए भी ग्रामीणों को 4-5 किलोमीटर दूर गांव से बाहर या फिर गांव की ऊंची पहाड़ी पर नेटवर्क के लिए जाना पड़ता है। विद्यार्थियों ने बताया कि कोरोनाकाल में जब सभी जगह ऑनलाइन पढाई हो रही थी तब यहां किताबों के सहारे ही पढ़ाई पूरी हुई।
जनजाति बहुल ग्राम पंचायत बलवनिया गांव देश की आजादी के 77 वर्ष बाद भी नेटवर्क सुविधा से वंचित है। गांव के लगभग 5 से 7 किमी के दायरे में किसी भी प्रकार की कोई नेटवर्क की सुविधा नहीं है। पूरा क्षेत्र पहाड़ियों के बीच में घिरा हुआ है। ऐसे में इस इलाके में नेटवर्क नहीं होने से लोग किसी से सम्पर्क नहीं कर पाते हैं। कई बार दुर्घटना या गर्भवती महिलाओं को अस्पताल के लिए ले जाने के लिए रिक्शा या एम्बुलेंस से सम्पर्क करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर पहाडिय़ों पर चढऩा पड़ता है। उसके बाद सम्पर्क हो पाता है। नेटवर्क सुविधा के अभाव में गांव की करीब दो हजार से अधिक आबादी परेशान है। ग्रामीणों ने गांव में दूर-संचार नेटवर्क सेवा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों को दर्जनों बार ज्ञापन सौंप कर इस समस्या से अवगत करवाया, आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ।
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