Karnataka Board 3rd Time Board Exam: बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्रों पर काफी प्रेशर रहता है। कर्नाटक स्कूल एजुकेशन बोर्ड ने छात्रों की परेशान को कम करते हुए पिछले साल के अंत में कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा एक शैक्षणिक वर्ष में तीन बार आयोजित करने की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य था कि छात्रों को अपना प्रदर्शन सुधारने का मौका मिले।
कर्नाटक स्कूल परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) द्वारा जारी एक आंकड़े के अनुसार, बोर्ड की इस पहल का सबसे ज्यादा फायदा साइंस स्ट्रीम के छात्रों को मिला है। आंकड़ों के अनुसार, विज्ञान विषयों में दोबारा परीक्षा देने वालों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। विज्ञान विषय के छात्रों ने दूसरी और तीसरी बार अपने स्कोर को सुधारने के लिए परीक्षा दी।
अपन इन प्रयासों की वजह से कर्नाटक ने अपने नाम नई उपलब्धि दर्ज की है। ये भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया जहां 10वीं- 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए तीन मौके दिए जाते हैं। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) भी छात्रों को एक स्कूल वर्ष में बोर्ड परीक्षा देने के लिए दो अवसर देने की सिफारिश करता है।
KSEAB के अनुसार, छात्रों के पास बोर्ड परीक्षा में दो या तीन बार बैठने का अवसर है। वहीं परिणाम उस परीक्षा के घोषित किए जाएंगे, जिसमें छात्र ने सबसे अधिक स्कोर किया है। उदाहरण के लिए यदि किसी छात्र ने परीक्षा 1 में 60%, परीक्षा 2 में 75% और परीक्षा 3 में 65% अंक प्राप्त किए, तो उस विषय में उसका अंतिम स्कोर 75% होगा।
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