बयाना(अमन झालानी): कस्बे के आर्य समाज रोड स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय उपसेवा केंद्र में शनिवार को संस्थापक ब्रह्म बाबा का 56वां अव्यक्त दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा केंद्र प्रभारी ब्र.कु. कमलेश बहन ने की। मुख्य अतिथि अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय सचिव राजेश गोयल और व्यापार संघ के उपाध्यक्ष हेमन्त गुप्ता रहे। विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद भावना पटेल रहीं। अतिथियों और संस्था से जुड़े साधकों ने ब्रह्मबाबा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी कमलेश बहन ने कहा कि ब्रह्मबाबा त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने त्याग तपस्या के बल से फरिश्ता स्वरुप सूक्ष्म रूप धारण किया और मानवता की सेवा के लिए अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया। मुख्य अतिथि राजेश गोयल ने कहा कि मानवता के उद्धारक और नारी शक्ति को नई पहचान देकर विश्व की सम्भवतः प्रथम नारी सत्ता द्वारा संचालित आध्यात्मिक संस्था प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले ब्रह्म बाबा नवयुग के अद्भुत शिल्पी थे। विश्व शांति, सद्भावना और मानवीय मूल्यों की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए सयुक्त राष्ट्र संघ ने इस संस्था को 1987 में अंतराष्ट्रीय शांति दूत के पुरस्कार से सम्मानित किया।
हेमंत गुप्ता ने कहा कि ब्रह्मबाबा के पदचिन्हों पर चलकर उनके विचारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। विशिष्ट अतिथि भावना बहन ने कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था हमें आध्यात्मिकता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। अध्यात्म अपनाकर हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। ब्र.कु. साक्षी बहन ने ब्रह्म बाबा के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा ने अपना जीवन यज्ञ में स्वाहा कर दिया। बीके टीकम भाई ने बताया कि ब्रह्मबाबा दिव्य गुणों की खान थे। वे निस्वार्थ सेवाधारी थे। बीके संजीव भाई ने बाबा द्वारा रचा ज्ञानयज्ञ आज तक चल रहा है। इस अवसर पर ममता बहन, विजय बहन, गुड्डी, चिन्तामणि, भगवान देई, शशि, पुष्पा, बजरंग, दयाराम, मधु, अनूप, चंचल, आशा, इन्द्रा, सुमन मधु , जसोदा, संगीता आदि कई साधक मौजूद रहे।
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