जयपुर में एक ओर भजनलाल सरकार कानून व्यवस्था और अपराध पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के दावे कर रही है, तो दूसरी ओर शराब माफिया खुलेआम नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। राजधानी में शराब ठेकों पर रात 8 बजे के बाद भी धड़ल्ले से शराब बेची जा रही है। ठेकेदार ‘चोर खिड़की’ और डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल कर अवैध बिक्री को अंजाम दे रहे हैं, जबकि स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
शराब की अवैध बिक्री का अड्डा बना अजमेर रोड
अजमेर रोड, एलीमेंट्री मॉल के पास होटल ट्रवाना इन के नजदीक स्थित अरोड़ास किंग्स लिकर जंक्शन इसका ज्वलंत उदाहरण है। इस ठेके पर कानून को ताक पर रखकर 24 घंटे शराब बेची जा रही है। तय समय के बाद भी शराब बिक्री जारी रहती है, जहां ग्राहक को क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करने पर ‘चोर दरवाजे’ से शराब की बोतल थमा दी जाती है।
पुलिस-आबकारी विभाग की मिलीभगत?
आबकारी नियमों के अनुसार, शराब दुकान के बंद होने के बाद अंदर किसी व्यक्ति का मौजूद रहना प्रतिबंधित है, लेकिन ठेकों के अंदर कर्मचारी रातभर डटे रहते हैं। पुलिस आम नागरिकों पर तो कार्यवाही करती है, लेकिन शराब माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाती।
ऑनलाइन भुगतान से फल-फूल रहा अवैध कारोबार
राजधानी जयपुर में शराब की हर दुकान पर क्यूआर कोड लगे हुए हैं, जिससे डिजिटल भुगतान के जरिए तय समय के बाद भी शराब आसानी से बेची जा रही है। आबकारी नियमों के अनुसार आवंटित दुकानों के ब्लू प्रिंट में कोई खिड़की नहीं होती, लेकिन ठेकों पर अवैध रूप से खिड़कियां और दरवाजे बना लिए जाते हैं।
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस अवैध कारोबार पर कोई कार्रवाई करता है या फिर मिलीभगत का यह काला खेल यूं ही जारी रहेगा।
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