संभल : हिंसा मामले में पुलिस ने गुरुवार को छह अलग-अलग मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी है। 24 नवंबर 2024 को हुई इस हिंसा के संबंध में कुल 12 एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिनमें से छह में आरोप तय किए गए हैं। चार्जशीट में 208 आरोपियों को चिह्नित किया गया है और यह 4175 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चार्जशीट में पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका तक के कनेक्शन का जिक्र किया गया है।
संभल हिंसा मामले की चार्जशीट पुलिस ने 87 दिन बाद दाखिल की है। इस दौरान पुलिस ने कई गिरफ्तारियां कीं और हिंसा में शामिल संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज और पोस्टर का सहारा लिया।
25 नवंबर: पुलिस ने एफआईआर में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क का नाम शामिल किया। सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल का नाम भी शामिल रहा।
28 नवंबर: यूपी सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जिसे यह जांच करनी थी कि हिंसा पूर्व-नियोजित थी या नहीं।
29 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने संभल ट्रायल कोर्ट को शाही जामा मस्जिद से जुड़े मामले की कार्यवाही रोकने का निर्देश दिया।
1 दिसंबर, 21 जनवरी, 30 जनवरी: न्यायिक आयोग ने संभल का दौरा किया और सरकारी अधिकारियों तथा स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए।
चार्जशीट में 159 आरोपियों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से 80 को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 79 अब भी फरार हैं। कुल छह मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है, जिनमें से चार मामले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर हमले से संबंधित हैं, जबकि एक मामला सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी से जुड़ा है।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने दुबई में रह रहे भगोड़े शारिक साटा को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया है। वह दिल्ली-एनसीआर से 300 से ज्यादा गाड़ियां चुराने वाले गिरोह का सरगना भी है। पुलिस के मुताबिक, साटा के संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी रहे हैं।
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई के अनुसार, साटा फर्जी पासपोर्ट के जरिए देश छोड़कर भागने में सफल रहा था। पुलिस की जांच में सामने आया कि हिंसा के लिए हथियारों की आपूर्ति भी साटा के गिरोह ने की थी। उसके गिरोह से जुड़े गुलाम और अफरोज को गिरफ्तार कर लिया गया है।
चार्जशीट में शारिक साटा पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 48 के तहत आरोप लगाए गए हैं। इस धारा के तहत, यदि कोई व्यक्ति विदेश में बैठकर भारत में अपराध को उकसाता है या सहायता करता है, तो उसे भी भारत में किए गए अपराध के बराबर दोषी माना जाएगा।
हालांकि, एफआईआर में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल के नाम शामिल थे, लेकिन चार्जशीट में इनका जिक्र नहीं है। पुलिस का कहना है कि इन नेताओं के व्हाट्सएप चैट और अन्य डिजिटल साक्ष्य की जांच की जा रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
संभल हिंसा मामले में पुलिस अब भी फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। जांच में मिले नए सबूतों के आधार पर और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
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