कोटा: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मिली धमकी के बाद कोटा पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई है। इसी के तहत शनिवार को कोटा सेंट्रल जेल में औचक निरीक्षण किया गया, जहां करीब 45 मिनट तक सघन तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीमों ने बैरकों, कैदियों के सामान और लंगर सहित जेल के विभिन्न हिस्सों की बारीकी से जांच की। हालांकि, राहत की बात यह रही कि तलाशी के दौरान कोई भी संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई।
शहर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन के अनुसार, 22 फरवरी को जेल की तलाशी के लिए विशेष टीम गठित की गई थी। इस टीम में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) हुकम कंवर, एएसपी दिलीप सैनी, डीएसपी योगेश शर्मा, गंगासहाय शर्मा और मनीष शर्मा के अलावा शहर के विभिन्न थानाधिकारी व 170 से अधिक पुलिस व जेल कर्मी शामिल थे। तलाशी के दौरान मेटल डिटेक्टर और अन्य आधुनिक उपकरणों की सहायता से हर बैरक और परिसर की बारीकी से जांच की गई।
कोटा सेंट्रल जेल में इससे पहले भी कई बार औचक निरीक्षण किए जा चुके हैं, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी पुलिस को कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। हालांकि, जेल में बंद कई हार्डकोर अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों के चलते यह आशंका बनी रहती है कि जेल के अंदर अवैध गतिविधियां होती हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेल में गुपचुप तरीके से मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिस पर प्रशासन की सख्त नजर बनी हुई है।
बता दें कि यह तलाशी अभियान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मिली धमकी के बाद किया गया। शुक्रवार को दौसा जिले के श्यालवास जेल में बंद एक कैदी ने जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर मुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी थी। इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया और सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है।
सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
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