राजस्थान विधानसभा : में पिछले तीन दिनों से जारी गतिरोध के बाद कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ महाघेराव का ऐलान किया है। पार्टी ने प्रदेशभर से 20 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को जयपुर बुलाने की तैयारी की है। इस महाघेराव में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, हरीश चौधरी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
कांग्रेस ने विधानसभा का घेराव करने के लिए प्रदेशभर के पदाधिकारियों, सांसदों, पूर्व सांसदों, पूर्व मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को जयपुर बुलाया है। इस प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस सदन के बाहर अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने जा रही है। वहीं, सदन के भीतर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरकार को घेरने की रणनीति बनाएंगे।
इस गतिरोध की मुख्य वजह विपक्षी विधायकों का निलंबन है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल रही है और विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार की मनमानी के खिलाफ कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।
विपक्ष ने सरकार के हालिया बजट को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि इस बजट के जरिए प्रत्येक राजस्थानवासी पर एक लाख रुपये का कर्ज डाल दिया गया है। उनका कहना है कि सरकार विकास कार्यों पर ध्यान देने के बजाय अपने करीबी लोगों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है।
कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष और मंत्रियों की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष सत्तापक्ष के दबाव में काम कर रहे हैं और मंत्रियों के पास विपक्ष के सवालों के ठोस जवाब नहीं हैं।
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह इस लड़ाई को सिर्फ सदन तक सीमित नहीं रखेगी, बल्कि इसे जनता के बीच भी ले जाएगी। विपक्षी नेताओं ने कहा, "हम जनता की आवाज बनकर संघर्ष करेंगे और जब तक सरकार अपनी मनमानी नहीं छोड़ती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।"
सरकार और विपक्ष के बीच यह टकराव कब समाप्त होगा, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह निश्चित है कि राजस्थान की सियासत में यह गतिरोध आने वाले दिनों में और गहराने वाला है।
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