अलवर : किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने सरकार पर किसानों के शोषण का आरोप लगाते हुए बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सरसों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद 15 फरवरी से शुरू होनी थी, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इससे प्रदेशभर के किसान आक्रोशित हैं और मजबूरी में निजी खरीदारों को कम दामों पर अपनी फसल बेचने को मजबूर हो रहे हैं। इसी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए रामपाल जाट अलवर पहुंचे और मीडिया से बातचीत की।
रामपाल जाट ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के साथ हर साल सिर्फ घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इस बार भी सरकार ने 15 फरवरी से सरसों की एमएसपी पर खरीद का वादा किया था, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द खरीद शुरू नहीं की गई, तो किसान 6,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर निजी व्यापारियों को सरसों बेचने को मजबूर होंगे, जिससे उन्हें भारी नुकसान होगा।
रामपाल जाट ने बताया कि अब तक 30 जिलों में किसानों के साथ बैठकें की जा चुकी हैं, जिसमें सरकार की नीतियों का खुला विरोध किया गया। अंतिम बैठक सीकर जिले में होगी, जहां आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन सिर्फ सरसों की खरीद तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी फसलों के लिए एमएसपी लागू करवाने के लिए लड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही और किसान विरोधी नीतियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि जल्द सरसों की खरीद एमएसपी पर शुरू नहीं हुई, तो किसान सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
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