महाशिवरात्रि : के मौके पर अजमेर दरगाह परिसर में शिव पूजा की अनुमति देने की मांग करते हुए हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। गुप्ता ने दरगाह में स्थित प्राचीन शिव मंदिर को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई जारी है।
हिंदू सेना का दावा है कि अजमेर दरगाह में प्राचीन शिव मंदिर हुआ करता था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। संगठन ने महाशिवरात्रि के अवसर पर दरगाह परिसर के संकट मोचन मंदिर में पूजा करने की अनुमति मांगी है।
विष्णु गुप्ता ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि दरगाह परिसर में आज भी मंदिर के अवशेष मौजूद हैं, जिसमें भगवान शिव की प्रतिमा दीवार पर अंकित है। उन्होंने कहा कि यह स्थान ऐतिहासिक रूप से शिव आराधना का केंद्र था, लेकिन एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पूजा को बंद कर दिया गया।
गुप्ता ने यह भी कहा कि महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है और इसे भारत भर में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इसलिए, इस ऐतिहासिक स्थल पर शिव पूजा की अनुमति दी जानी चाहिए।
इससे पहले, गुप्ता ने दरगाह परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें अजमेर के इतिहासकार हरविलास शारदा की 1911 में लिखी गई पुस्तक का हवाला दिया गया था। याचिका में यह भी दावा किया गया कि दरगाह के बुलंद दरवाजे में शिव मंदिर के मलबे के अवशेष शामिल हैं और नीचे स्थित तहखाने में शिवलिंग था, जिस पर ब्राह्मण परिवारों द्वारा पूजा अर्चना की जाती थी।
अब हिंदू सेना प्रशासन से महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा की अनुमति देने की मांग कर रही है।
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