निदेशक माइंस एवं भूविज्ञान भगवती प्रसाद कलाल ने कहा है कि कंपोजिट लाइसेंसधारियों के एक्सप्लोरेशन कार्य प्रगति की त्रैमासिक रिपोर्ट का विभागीय स्तर पर परीक्षण किया जाएगा ताकि सीएलधारियों द्वारा किये जा रहे खोज कार्य और गुणवत्ता में और अधिक तेजी लाई जा सके। उन्होंने भूविज्ञान अधिकारियों को अधिक से अधिक समय फील्ड में देने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश में अनछुए खनिज क्षेत्रों को खोजा जा सके।
निदेशक माइंस कलाल शनिवार को प्रदेश के भूविज्ञान विंग के अधिकारियों से सीधा संवाद कायम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है और इसके लिए वैध खनन को बढ़ावा दिया जाना होगा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र की पहाड़ियों में हो रहे अवैध खनन क्षेत्रों को वन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाते हुए चिन्हित करने का कार्य प्राथमिकता से करते हुए वहां डिमार्केशन का कार्य किया जाए ताकि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर खनिज ब्लॉकों की नीलामी की जा सके।
कलाल ने ड्रिलिंग विंग के कार्यों को गति देने पर जोर दिया। उन्होंने खनिज प्लॉटों की नीलामी के लिए भूविज्ञान और माइनिंग विंग के बीच बेहतर तालमेल पर जोर देते हुए खनिज ब्लॉकों के सीमांकन कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने पर जोर दिया।
अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान व सीईओ आरएसएमईटी एनके सिंह ने बताया कि प्रदेश में जी 4, जी 3 और इसके आगे के एक्सप्लोरेशन का रोडमेप बनाकर क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप इस साल खनिज ब्लॉकों की नीलामी का नया रेकार्ड स्थापित हो सकेगा।
बैठक में अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान मुख्यालय एस्रएन डोडिया, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान जयपुर आलोक जैन, टीए देवेन्द्र गौड़, एसएमई सतीष आर्य, एसजी नितिन चौधरी सहित भूविज्ञान विंग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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