बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से कभी गठबंधन नहीं करेगी. पिछला लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह बयान देकर एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस यह कोशिश करती रही कि कैसे भी बहुजन समाज पार्टी साथ आ जाए लेकिन बीएसपी मुखिया ने पहले ही घोषणा की थी कि किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे और अब उन्होंने साफ कर दिया है कि भविष्य में कांग्रेस और सपा से बसपा का गठबंधन नहीं होगा. आपको बता दें कि 24 अगस्त को मायावती पर मथुरा के बीजेपी विधायक ने गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख का समर्थन किया था. इस पर मायावती ने सोशल मीडिया पर उनका आभार जताया था और तारीफ की थी. इसके बाद अचानक उनके इस ऐलान ने सभी को चौंका दिया है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जताई थी नाराजगी
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है कि कल प्रयागराज में संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे. जिस पार्टी ने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को उनके जीते-जी व देहान्त के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया. उनके मूवमेन्ट को गति देने वाले कांशीराम का देहान्त होने पर इसी कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के रहते इनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया.
सपा पर भी साधा था निशानासपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया. इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें. बीएसपी अध्यक्ष ने पोस्ट की है कि केन्द्र में बीजेपी की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई थी जो अब इसकी बात कर रहे हैं, जवाब दें? बीएसपी इसके हमेशा ही पक्षधर रही है, क्योंकि इसका होना कमजोर वर्गों के हित में बहुत जरूरी है.समर्थकों को आगाह भी कियाबीएसपी मुखिया ने कहा कि इतना ही नहीं, संविधान के तहत् एससी/एसटी को मिले आरक्षण में अब वर्गीकरण व क्रीमीलेयर के जरिये, इसे निष्प्रभावी बनाने व खत्म करने की चल रही साजिश के विरोध में कांग्रेस, सपा व बीजेपी का भी चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है, सचेत रहें. सपा व कांग्रेस जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबन्धन करना क्या SC, ST व OBC वर्गों के हित में उचित होगा. यह कतई नहीं होगा. ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है, यही सलाह है.
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