आए दिन आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली में डॉक्टरों के आत्महत्या करने के दो मामले हाल में सामने आए. इस पर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर आर चंद्रा से कहा कि आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो चिंताजनक है. इनके पीछे कॉमन वजह है कि वह समस्याओं से ग्रसित हैं या उनकी जो उम्मीदें हैं वह पूरी नहीं हो रही है. डॉक्टरों के साथ आत्महत्या असफल होने के मामले कम रहते हैं. क्योंकि डॉक्टरों को पूरी जानकारी होती है कि सफल आत्महत्या कैसे करनी है. यह बेहद खतरनाक है.
डॉ. चंद्रा का कहना है कि समस्याएं और उम्मीदें आत्महत्या के पीछे एक बड़ी वजह हैं. डॉक्टरों की बात करें तो पढ़ाई बहुत महंगी है. हालांकि, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में एमडी के छात्र के आत्महत्या के मामले में फीस का इशू नहीं था. जैसा बताया जा रहा है वह मानसिक रूप से बीमार थे और उनका इलाज भी चल रहा था. एमबीबीएस और एमडी ज्वाइन करने के लिए दो-दो बार नीट की परीक्षा देनी पड़ती है. जिन बच्चों का सिलेक्शन नहीं हो पता है उनकी मानसिक स्थिति व सारी उम्मीदें टूट जाती है.
डॉ आर चंद्रा का कहना है कि हो सकता है नीट की तैयारी के लिए किसी ने पैसा उधार लिया हो, किसी ने प्लॉट बेच दिया हो. दूसरा पहलू यह भी है कि कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो बहुत पैसा कमा रहे हैं, लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जिन्हें घर चलना भी मुश्किल हो रहा है. डॉक्टर अपने भविष्य को लेकर भी काफी चिंतित रहते हैं. 15 दिन पूर्व दिल्ली के एम्स में डॉक्टर द्वारा गृह कलेश के चलते आत्महत्या के मामले में आर चंद्रा ने कहा कि काम में विभिन्न तरीके की समस्याएं रहती है. ऐसे में यदि पारिवारिक कलह शुरू हो जाती है तो और भी समस्या हो जाती है. जो समाज के लिए अच्छा नहीं है.
डॉक्टरों का आत्महत्या में सफल रहना चिंताजनक
डॉ. आर चंद्रा ने कहा कि आत्महत्या की दो स्टेज होती है. पहली आत्महत्या के लिए कोशिश करना और दूसरी सफलतापूर्वक आत्महत्या कर लेना. सफलतापूर्वक आत्महत्या कर लेना आसान नहीं है. बहुत से लोग कोशिश करते हैं लेकिन सफल नहीं होते. लेकिन डॉक्टरों के केस में देखा गया है कि वह आत्महत्या के मामले में सफल रहते हैं. इसके पीछे की वजह यह है कि उन्होंने जो पढ़ाई की है, उसमें वह सारी चीज पढ़ते हैं कि क्या-क्या तरीके होते हैं. आत्महत्या करने के और क्या साइन होते हैं? सफल और असफल सुसाइड में क्या साइन रहेगा. यह सभी चीज डॉक्टर पढ़ाई के दौरान पढ़ते हैं. यदि डॉक्टर आत्महत्या का प्रयास करते हैं तो ज्यादातर सफल रहते हैं, जो बेहद दुखद है.
काबिलियत और सलाह के अनुसार करें काम
सावधानियों पर डॉ आर चंद्रा ने कहा कि आत्महत्या के पीछे क्या वजह है. उन्हें रोकने के लिए काम किया जाना चाहिए लेकिन महंगी पढ़ाई, किताबें आदि यह सब छात्र के हाथ में नहीं है. यह गवर्नमेंट और समाज के हाथ में है. ऐसे में यदि छात्र अपनी काबिलियत के अनुसार दोस्तों या अन्य लोगों से राय लेकर चलें तो आत्महत्या जैसे मामलों को कुछ हद तक रोका जा सकता है.
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