'पुलिसिंग विद एक्सीलेंस-द वे फॉरवर्ड' की थीम पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में शुक्रवार को सम्पन्न हुई दो दिवसीय 'स्टेट लेवल पुलिस ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस' के तकनीकी सत्रों में पुलिस अधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों के प्रेजेंटेशंस, ग्रुप डिस्कसंस, खुली चर्चाओं और क्वेश्चन-आंसर सेशंस में चिंतन-मनन के निष्कर्षों के आधार पर प्रदेश में और बेहतर पुलिसिंग का रोडमैप तैयार किया गया है। कॉन्फ्रेंस में आए सुझावों और अनुशंसाओं से प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग के लिए नीति निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
डीजीपी ने बढ़ाया पुलिस टीम का मनोबल—
कांन्फ्रेंस के दूसरे दिन आयोजित तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के सेशंस में गहन मंथन से कई महत्वपूर्ण सुझाव निकलकर सामने आए हैं। पुलिस मुख्यालय के स्तर से इन सुझावों और अनुशंषाओं को समाहित करते हुए एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। इसे आने वाले दिनों में अंतिम रूप देकर उच्च स्तर पर भेजा जाएगा। साहू ने तकनीकी सत्रों के दौरान प्रदेश में अपराध नियंत्रण और जनसुरक्षा के लिए प्रदेश की पुलिस टीम की सक्सेस स्टोरीज और केस स्टडीज की सराहना करते हुए पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि अपराध की रोकथाम के लिए अपराधियों और उनके फॉलोअर्स को तलाशने, संदिग्धों की पहचान और अन्य लिंकेजेज की पड़ताल जैसी कार्रवाइयों को लगातार जारी रखा जाए।
‘डिजिटल सिटीजन‘ तैयार करने के लिए साझा कैंपेन का सुझाव—
ऑर्गेनाइजेशन कमेटी की चेयर पर्सन एवं एडीजी (ट्रेनिंग) मालिनी अग्रवाल ने बताया कि कांफ्रेंस के अंतिम दिन साइबर सिक्योरिटी, डार्क वेब, साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन एवं क्रिप्टो करेंसी के विषयों पर एडीजी (टी एंड टी) बिपिन कुमार पांडे के नेतृत्व में आईजी साइबर क्राइम श्री शरत कविराज के साथ पुलिस ऑफिसर्स ने ग्रुप प्रजेंटेशन दिया। इस सत्र की अध्यक्षता डीजी (एसीबी) रवि प्रकाश मेहरड़ा ने की। इस सत्र में यह बात प्रमुख रूप से उभरकर आई कि आने वाले समय में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश में डिजिटल लिटरेसी और अवेयरनेस के लिए कैंपेन चलाते हुए नागरिकों को ‘डिजिटल सिटीजन‘ के तौर पर सक्षम बनाने की जरूरत है। इसके लिए सभी स्तरों पर साझा प्रयास किए जाएं।
सेशन में सोशल मीडिया पर पुलिस के स्तर से 'डिजिटल लाइजनिंग ग्रुप' बनाकर लोगों में विश्वास और जागरूकता के लिए 'पॉजिटिव ट्रेंड्स' चलाने के बारे में भी सुझाव दिया गया। इस सत्र के गेस्ट स्पीकर आईपीएस अधिकारी एवं आई4सी के सीईओ राजेश कुमार और आईपीएस एवं एसवीपीएनपीए के डिप्टी डायरेक्टर भूषण बोरास थे। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी, डाटा वेब, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन विद स्पेशल रेफरेंस टू साइबर स्लेवरी, क्रिप्टो करेंसी, ब्लॉक चैन एवं बिटकॉइन जैसे विषयों पर ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण दिये। इसमें क्रिप्टो करेंसी से जुड़े फ्रॉड के मामलों की तहकीकात से लेकर पंचनामा तैयार करने में ध्यान रखने योग्य बिन्दुओं को रेखांकित किया गया। साथ ही इस सत्र में भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए गए 'ऑपरेशन एंटी वायरस' के बारे में विशेष प्रस्तुतीकरण दिया गया।
एजीटीएफ की सक्रियता से संगठित अपराधों पर नकेल—
'इमर्जिंग ट्रेंड्स ऑफ क्राइम इन राजस्थानः इवोलविंग ए यूनिफाइड स्ट्रेटेजी टू कॉम्बेट इंटर एंड इंट्रा स्टेट गैंग्स' पर एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की अगुआई में आईजी क्राइम ब्रांच प्रफुल्ल कुमार और पुलिस ऑफिसर्स की टीम द्वारा दिए गए प्रजेंटेशन में प्रदेश में संगठित अपराधों की पृष्ठभूमि, मौजूदा परिदृश्य और उस पर नियंत्रण के लिए गत महिनों में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि राजस्थान पुलिस की गैंगस्टर्स और उनसे जुड़े लोगों पर सतत कारर्वाइयों और सक्रिय प्रयासों से प्रदेश में गैंगवार और संगठित अपराध के प्रकरणों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी और इनके उपभोग की रोकथाम के लिए संचालित अभियान में भारी मात्रा में अफीम, गांजा एवं डोडा पोस्त के साथ सिंथेटिक ड्रग्स और मेडिकेटेड ड्रग्स की भी जब्ती की गई है। सत्र के मॉडरेटर एडीजी (आर्म्ड बटालियन) आनंद श्रीवास्तव थे।
पेपरलीक पर एसआईटी के एक्शन से लौटा युवाओं में विश्वास—
डीजीपी साहू की अध्यक्षता में आयोजित 'कॉपिंग विद चैलेंजेस ऑफ चीटिंग इन कॉम्पीटीटिव एक्जामिनेशनः नीड फोर मल्टी डाइमेंशनल अप्रोच' सेशन में एटीएस एवं एसओजी के एडीजी वीके सिंह के नेतृत्व में दिए गए प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा गत 16 दिसम्बर को इस मामले में गठित एसआईटी की सतत और प्रभावी कारर्वाइयों के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। एडीजी सिंह ने बताया कि एसआईटी की कार्रवाइयों से जो लर्निंग हुई है, उसे अन्य प्रदेशों के साथ भी साझा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पेपरलीक के मामलों की जानकारी देने के लिए एसओजी द्वारा जो हेल्पलाइन बनाई गई है, उस पर युवा और आमजन खुलकर तथ्यों के साथ में उपयोगी सूचनाएं साझा करते हैं। इनके आधार पर एसआईटी ने कारर्वाइयों को अंजाम दिया है, जिससे लोगों में यह विश्वास कायम हुआ है कि उनको सुना और समझा जा रहा है तथा उनकी सूचना पर एसओजी प्रभावी एक्शन ले रही है। इस सत्र के मॉडरेटर एडीजी (कार्मिक) संजीब कुमार नार्जरी थे।
इन सत्रों में भी हुई खुली चर्चा—
क्राइम अगेंस्ट वीमन, चिल्ड्रन एंड अदर वीकर सैक्शन पर सेशन का आयोजन डीजी (साइबर अपराध एवं एससीआरबी) हेमंत प्रियदर्शी की अध्यक्षता में हुआ। इसमें प्रजेंटेशन एडीजी (सिविल राइट्स) भूपेन्द्र साहू के साथ बीकानेर रेंज के आईजी ओमप्रकाश एवं बीकानेर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम की टीम ने दिया। सत्र को एडीजी (हाऊसिंग) बिनिता ठाकुर ने मॉडरेट किया। रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट पर आयोजित सेशन का आयोजन डीजीपी यू आर साहू की अध्यक्षता में हुआ। इसमें एडिशनल कमिश्नर (ट्रैफिक) प्रीति चंद्रा और पुलिस अधिकारियों के समूह ने प्रस्तुतीकरण दिया।
इस सत्र में गेस्ट स्पीकर इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन के प्रेसीडेंट रोहित बालुजा थे। इस सत्र को ऑर्गेनाइजेशन कमेटी की चेयर पर्सन एवं एडीजी (ट्रेनिंग) मालिनी अग्रवाल तथा एडीजी (हाऊसिंग) बिनिता ठाकुर ने पैनेलिस्ट के तौर पर माॅडरेट किया। इंटरनल सिक्योरिटी पर हुए आखिरी तकनीकी सत्र में आईजी आंतरिक सुरक्षा राजेश मीना, भरतपुर के आईजी राहुल प्रकाश एवं अतिरिक्त कमिश्नर जयपुर कुंअर राष्ट्रदीप सहित अधिकारियों के दल ने प्रस्तुतीकरण दिया। इस सत्र को डीजी (इंटेलीजेंस) संजय अग्रवाल ने मॉडरेट किया। सेशन में गेस्ट स्पीकर आईबी के जॉइंट डायरेक्टर रमाकांत गुप्ता थे। सभी तकनीकी सत्रों का संचालन डीआईजी (ट्रेनिंग) राहुल कोटोकी ने किया।
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