चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण एवं जनजागरूकता की दिशा में प्रभावी प्रयास निरंतर जारी हैं। तंबाकू की लत से पीड़ित नवयुवकों को तम्बाकू विमुक्त एवं नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करने हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं व जनसहभागिता से सामूहिक प्रयासों को और बढ़ाया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर सोमवार को राज्य तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम प्रकोष्ठ एवं एसआरकेपीएस संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। खींवसर ने कहा कि राजस्थान तम्बाकू नियंत्रण एवं जनजागरूकता विकसित करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्यवाही कर रहा है, लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी काम किए जाने की आवश्यकता है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि समाज में तंबाकू के शारीरिक-मानसिक और आर्थिक दुष्प्रभावों की जानकारी का व्यापक प्रचार—प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तम्बाकू रोकथाम के लिए निर्धारित कानूनी प्रावधानों की और अधिक सख्ती से पालना सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने इसके लिए समाजसेवी संगठनों से आगे बढ़कर राजकीय गतिविधियों में सहयोग करने की अपील की।
बैठक में पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए तम्बाकू उत्पादों का सेवन नशे की लत की प्रथम सीढ़ी है। उन्होंने कहा कि नवपीढ़ी को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में आवश्यक जानकारियों से अवगत करवाने में जनप्रतिनिधि, शिक्षकगण व सक्रिय सामाजिक लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। देवासी ने कहा कि तम्बाकू मुक्त गांव, पंचायत, तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के लिए कार्ययोजना बनाकर और अधिक प्रभावी कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
पंचायती राज सचिव रवि जैन ने कहा कि ग्राम पंचायत व गांवों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए पंचायती राज विभाग भी अपनी सहभागिता कर रहा है। इस दिशा में प्रदेश में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों से देश में नए कीर्तिमान स्थापित होंगे।
कार्यशाला में डॉ.जे.एस. राणा ने अपने प्रस्तुतिकरण में विस्तार से तम्बाकू के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। साथ ही एसएमएस के पूर्व अधीक्षक डॉ.वीरेन्द्र सिंह, डॉ.राकेश गुप्ता, डॉ.रमेश गांधी, धर्मवीर कटेवा, नरेंद्र सिंह, प्रतिभा सिंह व ज्योति चौधरी सहित अनेक विषय विशेषज्ञों ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने हेतु विचार व्यक्त किए।
एनटीसीपी के राज्य नोडल अधिकारी डॉ.एसएन धौलपुरिया ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चिकित्सा मंत्री के मार्गदर्शन में शीघ्र ही राज्य में टौबेको फ्री यूथ कैम्पेन 2.0 प्रारम्भ किया जाएगा। इस कैम्पेन के अंतर्गत ही अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा समस्त राजकीय एवं निजी मेडिकल कॉलेज एवं डेन्टल कॉलेज में तम्बाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्र प्रारम्भ करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान किए गए हैं।
कार्यशाला के अंत में एसआरकेपीएस के राजन चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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