जयपुर. आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के उपयोग का आरोप सुर्खियों में है। इस पर जमकर सियासत गर्माई हुई है। इधर राजस्थान ने आंध्र के इस घटनाक्रम से सबक लेकर तय किया है कि देवस्थान विभाग के अंतर्गत आने वाले मंदिरों में सरकारी डेयरी सरस का ही घी -दूध के उत्पादों का उपयोग सुनिश्चित कराया जाए। इस मामले को लेकर आरसीडीएफ और देवस्थान के अफसराें के बीच में चर्चा है। इसमें टाेटल डिमांड- सप्लाई काे लेकर आकलन कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि देवस्थान विभाग जल्द ही खुद के सीधे ताैर से जुड़े 62 हजार से अधिक मंदिराें के लिए इस संबंध में आदेश जारी करेगा। गाैरतलब है सांवलिया सेठ सहित कई बड़े मंदिराें में ऑलरेडी सरकारी डेयरी से ही उत्पादाें की सप्लाई हाे रही है।
मंदिर प्रांगण में गाेठ पर भी आदेश मंदिराें परिसर में हाेने वाली गाेठ- प्रसादी वितरण कार्यक्रमाें में भी सरकारी डेयरी के ही उत्पादाें का प्रयाेग अनिवार्य कराने की दिशा में भी आरसीडीएफ और देवस्थान विभाग के बीच चर्चा हुई है। ये आदेश जलद लागू कराए जा सकते हैं।
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