जयपुर। कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव फजल-उर-रहीम पर जमीनों पर अवैध कब्जे करने के आरोप लगाए। किरोड़ीलाल ने कहा- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव वक्फ (संशोधन) बिल 2024 का विरोध कर रहे हैं। वह बिल के विरोध के बड़े पैरोकार बनकर देश में मुसलमान को भड़का रहे हैं। हिंसा करने पर उतारू हैं।किरोड़ीलाल ने कहा- फजल ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर वक्फ, ट्रस्ट और मंदिरों की जमीनों को निजी जागीर मानकर बेच दिया। इनके निजी ट्रस्टों में देश-विदेश से विशेषकर खाड़ी देशों से अवैध धन प्राप्त कर लगाया जा रहा है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरोड़ी ने कहा- फजल कांग्रेस के इशारे पर देश में माहौल बिगाड़ने पर उतारू हैं।
वक्फ की प्रॉपर्टी बेच अवैध कॉलोनियां बसा दीं किरोड़ीलाल ने कहा- फजल के भाई जिया-उर-रहीम फर्जी दस्तावेज बनाकर वक्फ प्रॉपर्टी को बेच रहे हैं। इन दोनों ने 2005 में फर्जी इकरारनामा के जरिए जामिया हिदायत ट्रस्ट जयपुर और मौलाना अब्दुल रहीम एजुकेशनल ट्रस्ट की जयपुर व अहमदाबाद में स्थित 18 से 20 बीघा भूमि करोड़ों रुपए में बेचकर इन पर समुदाय विशेष की अवैध कॉलोनियां बसा दीं। इन्होंने मुंबई में भी आदिवासियों की जमीन को बेचकर करोड़ों रुपए अर्जित किए।
उन्होंने कहा- इनके खिलाफ इस्तगासे से जयसिंहपुरा खोर पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट की यथास्थिति के आदेश के बाद भी ग्राम किशनपुरा और आमेर में लगभग 900 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा करके उसे बेचकर धर्म विशेष के लोगों को बसा दिया। यही नहीं, ग्राम किशनपुरा और आमेर में राजस्थान पुलिस को आवंटित 500 बीघा भूमि पर भी धर्म विशेष के लोगों ने अतिक्रमण कर कॉलोनियां बना लीं। लेकिन, हमारी पुलिस सोती रही और ये लोग अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके अपना काम करते रहे।
मुख्यमंत्री से आग्रह मेरा इस्तीफा स्वीकार करें' मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोड़ीलाल ने एक बार फिर कहा- मैं अपने इस्तीफे पर अड़िग हूं। मैंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। उन्होंने मीडिया से कहा- मैं आपके माध्यम से एक बार फिर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह करना चाहता हूं कि वह मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के फाइलें निकालने के बयान पर किरोड़ीलाल ने कहा- मैंने कोई भी बड़ी फाइल नहीं निकाली है। लेकिन, आपदा की फाइलें तो निकालनी पड़ेंगी। सड़कें टूटी हुई हैं। आपदा में कई जनहानि हो गई है। पशु मारे गए हैं तो ऐसे में तुरंत रिलीफ देने की जरूरत है। मैं इस्तीफा देने के बाद भी बाढ़ ग्रसित इलाकों में दौरा करके आया था। ऐसे में मेरी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अगर कोई इमरजेंसी है तो मैं काम करूं। बाकी मैंने मन से मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
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