राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है. 8 सूत्री मांगों पर प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टर 19 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त कराने की सरकार की ओर से कई पहल भी हुई. लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों के समर्थन पर अड़े हुए थे. लेकिन अब यह हड़ताल समाप्त होने की बात सामने आई है. डॉक्टरों की मांग पर कोर्ट ने कमेटी बनाने का आदेश दिया है. जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल समाप्त करने की घोषणा करने वाले हैं.
मालूम हो कि रेज़िडेंट डॉक्टरों के संगठन जयपुर एसोसिएशन ऑफ़ रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स (JARD) ने हड़ताल की हैं. डॉक्टरों का कहना था कि कि अगर सरकार ने आज उनकी मांगों के बारे में ठोस कार्रवाई नहीं की, तो वह वॉर्ड में आए मरीज़ों को देखना बंद कर देंगे.
रेज़िडेंट डॉक्टर आठ मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी ये मांगें पुरानी हैं मगर कई बार अल्टीमेटम देने के बाद भी राज्य सरकार इन मांगों को पूरी करने में नाकाम रही है.
हड़ताली रेज़िडेंट डॉक्टरों की 8 मांगें
- पूर्व में हुए समझौते के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जाए.
- समय पर वेतन बढ़ाया जाए. रेज़िडेंट डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में राजस्थान में दिया जा रहा वेतन, आस-पड़ोस के समस्त राज्यों से कम है.
- बॉण्ड पॉलिसी में बदलाव किया जाए.
- उन सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को मकान किराया भत्ता (HRA) दिया जाए जो हॉस्टल में नहीं रहते हों.
- विशेष मेडिकल ऑफिसर पदों की भर्ती निकली जाए. जिन डिपार्टमेंट में पीजी की पढ़ाई होती है, उन सभी डिपार्टमेंट में जेएस/एसएस पदों का सृजन हो.
- अकादमिक और गैर-अकादमिक सीनियर रेज़िडेंट डॉक्टरों (SR) की तनख्वाह में विसंगति दूर हो. हड़ताली डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में अकादमिक SR की तनख्वाह गैर-अकादमिक SR से कम है.
- राजस्थान सरकार के इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए सुपर-स्पेशलाइजेशन के बाद, उनकी वेतन वृद्धि और पदोन्नति उसी तरह से हो, जैसे पीजी पासआउट डॉक्टरों की होती है.
- रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स ने इससे पहले कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में 11 दिन की हड़ताल की थी. रेज़ि़डेंट डॉक्टर्स के संगठन का कहना है कि उन्होंने राजस्थान सरकार से भरोसा मिलने के बाद हड़ताल ख़त्म कर दी थी. मगर उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.