अजमेर। एससी-एसटी कोर्ट की न्यायाधीश डॉ रेणु श्रीवास्तव ने शुक्रवार को पिता की हत्या के अभियुक्त जसवंत सिंह को उम्रकैद व 50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। अभियुक्त पर सोते पिता पर खौलता तेल डालकर जान लेने का आरोप था। मृतक एससी-एसटी कोर्ट में ही रीडर के पद से सेवानिवृत्त हुआ था।
अलवर गेट पुलिस थाने में 29 अगस्त 2019 को दर्ज रिपोर्ट में बताया गया कि रामसिंह घर में सो रहा था। जबकि उसका पुत्र छत पर बने कमरे में था। उसने वहां हीटर पर तेल गर्म करने के बाद नीचे सोते पिता राम सिंह के चेहरे व शरीर पर उंडेल दिया। झुलसी हालत में रामसिंह को जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया। हालत गंभीर होने से तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट (संया चार) कविता कच्छावा ने अस्पताल में उसका डाइंग डिक्लेरेशन लिया। हाथ झुलसे होने से पैर के अंगूठे की छाप बतौर हस्ताक्षर ली गई। दो दिन बाद उपचार के दौरान रामसिंह की मौत हो गई थी।
प्रकरण के अनुसार धोलाभाटा निवासी राम सिंह के पुत्र जसवंत ने रेलवेकर्मी महिला से प्रेम विवाह किया था। दोनों करीब 3 महीने साथ रहे लेकिन फिर दोनों के बीच अनबन हो गई। महिला ने जसवंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया। इस प्रकरण में राम सिंह ने बेटे जसवंत का साथ नहीं दिया था। जिससे नाराज जसवंत ने पिता राम सिंह की हत्या कर दी थी। आरोपी तभी से जेल में है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक मंजूर अली ने 20 गवाह और 23 दस्तावेज पेश किए। न्यायालय ने फैसले में तल्ख टिप्पणी करते हुए लिखा कि अपने जन्मदाता की जघन्य हत्या करने वाले अपराधी के प्रति किसी प्रकार की नरमी बरतना उचित नहीं है।
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