Sanwaliya Seth: श्री सांवलिया सेठ के भक्त आए दिन चढ़ावे में कई तरह की भेंट चढ़ाते हैं. पिछले दिनों भी एक भक्त ने चांदी से निर्मित हेलीकॉप्टर चढ़ाया था. धनतेरस के अवसर पर दो गुप्त श्रद्धालु ने लकड़ी और चांदी से बना छोटा रथ और पालकी भेंट की हैं. श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी नन्द किशोर टेलर ने बताया कि श्री सांवलिया सेठ के एक भक्त ने लकड़ी और चांदी से बना छोटा रथ और दूसरे भक्त ने लकड़ी और चांदी से बनी बेवाण पालकी भेंट की है.
ये दोनों भक्तों ने गुजरात से श्री सांवलिया सेठ पहुंच कर रथ और पालकी भेंट की. लकड़ी और चांदी से निर्मित छोटा रथ का वजन 380 किलोग्राम हैं. इस लकड़ी के रथ में आठ किलो चांदी का उपयोग किया गया. रथ में सागवान की लकड़ी उपयोग में ली गई हैं. दूसरे भक्त ने भेंट की बेवाण पालकी का वजन 80 किलो हैं.
पालकी भी सागवान की लकड़ी से बनाई गई है और इसमें 15 किलो चांदी का उपयोग किया गया हैं. रथ और पालकी पर चांदी से का आकर्षक कलाकारी का वर्क किया गया है. देवशयनी और देवउठनी आदि एकादशियों पर श्री सांवलिया सेठ की शोभायत्रा लकड़ी के ठेले पर बने हुए रथ पर निकाली जाती है. पिछले कुछ सालों से लकड़ी के रथ को हटाकर चांदी के रथ बनाने की बात चल रही थी लेकिन रथ नहीं बन सका.
श्री सांवलिया सेठ के दरबार में आए दिन भक्त कई तरह के चढ़ावा चढ़ाते हैं. पिछले दिनों एक भक्त ने चांदी से बना हेलीकॉप्टर भेंट किया. जिसमें पायलट केबिन में श्री सांवलिया सेठ की मूर्ति लगाई गई थी. हर माह श्री सांवलिया सेठ का मासिक भंडार खोला जाता हैं. भंडार राशि की गणना चार से पांच राउंड में पूरी होती हैं. यहां भक्तों के आने का तांता लगा रहता है. यहां हर माह करीब 19 करोड़ से अधिक का चढ़ावा भंडार राशि गणना के दौरान निकलता है.
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