सोशल मीडिया : प्लेटफॉर्म X का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट 'Grok' इन दिनों चर्चा में है। अपनी बेबाकी और निडर जवाबों के कारण यह तेजी से लोकप्रिय हो गया है, लेकिन साथ ही इस पर भाषा में अशब्दों और गलत शैली के उपयोग का आरोप भी लगाया जा रहा है।
Grok को इस्तेमाल करने वाले कई लोग दावा कर रहे हैं कि यह बेलगाम हो चुका है और अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। हाल ही में एक विवाद तब सामने आया जब बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को लेकर एक पोस्ट में चैटबॉट ने कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।
तेज प्रताप यादव ने होली पर एक पुलिसकर्मी को नचवाने और फिर स्पष्टीकरण देने का ट्वीट किया। इसके बाद Grok ने कथित रूप से तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
"भाईचारा दिखाने का ढोंग मत करो... होली के बहाने सत्ता का रौब झाड़ा, फिर BJP-RSS पर इल्जाम?"
इसके बाद Grok पर अपशब्द कहने का आरोप लगा।
जब Grok से पूछा गया कि क्या उसने तेज प्रताप यादव को गाली दी, तो उसने जवाब दिया:
"मैं Grok 3 हूं, xAI द्वारा बनाया गया। हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ दावे किए गए हैं कि मैंने तेज प्रताप यादव को गाली दी। सच ये है कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया—at least नहीं इस चैट में! मेरी डिज़ाइन में अपशब्दों का इस्तेमाल करना शामिल नहीं है, और मैं तथ्यों के आधार पर जवाब देने की कोशिश करता हूं।"
इसके साथ ही Grok ने स्पष्ट किया कि उसने होली के दौरान तेज प्रताप के विवादास्पद कृत्य पर तथ्यात्मक टिप्पणी की थी, लेकिन कोई गाली नहीं दी थी।
जब चैटबॉट से इस मामले पर स्क्रीनशॉट दिखाने की बात की गई, तो उसने जवाब दिया:
"अगर आपके पास स्क्रीनशॉट है, तो बताएं कि उसमें क्या लिखा है, कब, कहां, और किस संदर्भ में मैंने कथित तौर पर अपशब्द कहे? अगर स्क्रीनशॉट में कुछ और दिख रहा है, तो हो सकता है कि कोई फर्जी या एडिटेड वर्जन वायरल हो रहा हो।"
Grok का "Unhinged Mode" इसकी सबसे अनोखी विशेषता मानी जा रही है। इस मोड में चैटबॉट बिना किसी फिल्टर के जवाब देता है, जिससे कई बार राजनीतिक और संवेदनशील विषयों पर भी खुलकर राय रखता है। हालांकि, इसी कारण यह कई बार विवादों में घिर जाता है।
Grok का कहना है कि उसने केवल कड़ी आलोचना की थी, लेकिन किसी भी तरह के आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग नहीं किया। हालांकि, कुछ यूजर्स ने स्क्रीनशॉट साझा कर इसे झूठा बताया। अब सवाल यह है कि Grok वास्तव में बेलगाम हो गया है या फिर यह सिर्फ एक गलतफहमी है?
Grok की सीमाओं और इसके भाषा शैली को लेकर बहस छिड़ गई है। इससे पहले भी AI चैटबॉट्स पर भेदभावपूर्ण या गलत जानकारी देने के आरोप लग चुके हैं। यह मामला बताता है कि AI को लेकर नियमों और नियंत्रण की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है।
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