World Water Day: “घी सस्ता और पानी महंगा” रेगिस्तानी इलाके जैसलमेर में कम होता भूजल स्तर, 8000 ट्यूबवेल बने

जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में पानी की किल्लत कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के वर्षों में भूजल स्तर की गिरावट और पानी की गुणवत्ता में गिरावट ने इस संकट को और गंभीर बना दिया है। जल दिवस के मौके पर विशेषज्ञों ने जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस संकट से बचाया जा सके।

तेजी से गिर रहा भूजल स्तर

भूजल वैज्ञानिक नारायण दास इण्खिया के अनुसार, जैसलमेर में ट्यूबवेल की संख्या बढ़ने से अत्यधिक जल दोहन हो रहा है। पिछले 10 वर्षों में जल स्तर 45-50 मीटर से गिरकर 55-60 मीटर तक पहुंच चुका है, और हर साल लगभग 1 मीटर की गिरावट दर्ज की जा रही है।

फ्लोराइड युक्त पानी से बढ़ रही बीमारियां

पानी की गुणवत्ता भी तेजी से बिगड़ रही है। लाठी, राजमथाई और म्याजलार बेल्ट में फ्लोराइड की मात्रा 1 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 2-3 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गई है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पीने के पानी में 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक फ्लोराइड खतरनाक है।

  • भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के अनुसार, यह सीमा 1 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए।

  • अत्यधिक फ्लोराइड हड्डियों को कमजोर करता है, दांतों को पीला कर देता है और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है।

भूजल दोहन से और बिगड़ रही स्थिति

जैसलमेर में लगभग 8,000 ट्यूबवेल चल रहे हैं, जिनमें से हर ट्यूबवेल 6 घंटे में 18,000 गैलन पानी निकालता है। इस हिसाब से, हर दिन 55 करोड़ लीटर से अधिक भूजल का दोहन किया जा रहा है। यदि यह स्थिति जारी रही, तो आने वाले वर्षों में जैसलमेर को भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ेगा।

“घी सस्ता, पानी महंगा” – पुरानी कहावत की याद

पहले के समय में जैसलमेर के लोग पानी का अत्यधिक ध्यान रखते थे। यहां एक प्रसिद्ध कहावत थी – “घी सस्ता और पानी महंगा”। लोग पानी का पुनः उपयोग करते थे, जैसे नहाने के बाद बचे पानी से कपड़े धोना और फिर उस पानी का पौधों को देना। आज जरूरत है कि हम फिर से पारंपरिक जल संरक्षण तकनीकों को अपनाएं।

क्या हो सकते हैं समाधान?

वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना
ट्यूबवेल और बोरवेल की संख्या को सीमित करना
पारंपरिक जल स्त्रोतों का संरक्षण
स्मार्ट सिंचाई तकनीकों का उपयोग
भूजल रिचार्ज के लिए तालाबों और बावड़ियों का पुनर्निर्माण

यदि समय रहते इन उपायों को नहीं अपनाया गया, तो जैसलमेर और आसपास के क्षेत्रों में जल संकट विकराल रूप ले सकता है। अब समय आ गया है कि हम जागरूक हों और पानी बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
REET मामले में CBI जांच की याचिका खारिज होने पर सियासी बवाल, डोटासरा बोले- 2 साल से मगरमच्छ ही पकड़ रहे | सीएम भजनलाल शर्मा ने आम लोगों को दी बड़ी सौगात, 10 हजार करोड़... पत्रकार हेल्थ कवरेज योजना और चिकित्सा ऐप | जयपुर पुलिस कमिश्नर को अपशब्द बोलने वाला कॉन्स्टेबल गिरफ्तार: वीडियो में 6 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया | डोटासरा बोले- बीजेपी-RSS के हारे हुए नेताओं ने गदर मचाया:राठौड़, तिवाड़ी और चतुर्वेदी की कमेटी अफसरों को बुलाकर डांटती है, सरकार को हाईजैक किया | Rajasthan Assembly: टीकाराम पर राज्यवर्धन का तंज, बोले- नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ डिप्टी स्पीकर भी बनना चाहते हैं जूली | Rana Sanga Controversy: सपा सांसद की राणा सांगा पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदेशभर में आक्रोश, पुलिस थाने में भी शिकायत | राजस्थान के इस जिले में पिछले 3 साल से रोजाना एक शख्स कर रहा आत्महत्या, अबतक 1750 लोगों ने किया सुसाइड | Rajasthan Politics: बजट सत्र के बाद राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी, वसुंधरा सहित सभी खेमों को साधने की होगी कवायद | Udaipur: डॉक्टरों की पार्टी में हो गई मारपीट, चिकित्सक ने शराब पीने से किया इनकार तो जमकर पीटा | शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने महिला सरपंच को दी चेतवानी, बोले- अगर 8 दिन के काम नहीं हुआ तो... |