बीकानेर, राजस्थान : बीकानेर जिले में आत्महत्याओं के बढ़ते मामलों ने प्रशासन और समाज को झकझोर कर रख दिया है। पिछले तीन वर्षों में 1750 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं, जिससे हर दिन औसतन एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है। खासतौर पर पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव और प्रेम प्रसंग आत्महत्याओं के मुख्य कारण बनकर सामने आए हैं।
19 मार्च को वल्लभ गार्डन इलाके में नितिन खत्री, उनकी पत्नी रजनी और बेटी जेसिका के शव मिलने के बाद यह मुद्दा और गंभीर हो गया। पिछले दो वर्षों में कई सामूहिक आत्महत्या के मामले सामने आए, जिससे पूरे जिले में सनसनी फैल गई।
बीकानेर पुलिस के अनुसार,
2022 में: 417 आत्महत्याएं
2023 में: 459 आत्महत्याएं
2024 में अब तक: 449 आत्महत्याएं
इस साल (2024) जनवरी से मार्च तक: 101 आत्महत्याएं
अकेले व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में पिछले एक साल में 100 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली।
14 दिसंबर 2023 को हनुमान सोनी के परिवार के पांच सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या के बाद, बीकानेर पुलिस रेंज के आईजी ओमप्रकाश ने आत्महत्या रोकथाम संसाधन केंद्र बनाया था। इसका हेल्पलाइन नंबर 9530414841 भी जारी किया गया, लेकिन कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए।
पारिवारिक समस्याएं – 21.7%
बीमारी – 18%
विवाह संबंधी समस्याएं – 5.1%
प्रेम प्रसंग – 3.2%
नशाखोरी – 2.8%
परीक्षा में असफलता – 1.8%
आर्थिक तंगी – 1.8%
अन्य कारण – 33.2%
भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं होती हैं।
2022 में: 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की, जो 2021 से 4.2% ज्यादा है।
हर 1 लाख लोगों में 12.4 लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
दुनिया भर में हर साल 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, जिनमें से अकेले भारत में 1,64,033 मामले हैं।
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. हरफूल बिश्नोई का कहना है कि मित्र, परिवार और सहकर्मी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
सकारात्मक बातचीत करें और हौसला बढ़ाएं।
काउंसलिंग कराएं और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
आत्महत्या से जुड़ी सोच आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर एक भी व्यक्ति को बचाया जा सका, तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।
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