राजस्थान विधानसभा : के सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार की जवाबदेही, शिक्षा नीति, बिजली संकट और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर कड़े प्रहार किए।
टीकाराम जूली ने सदन में पूछा कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 और 2024-25 में एससी, एसटी, ओबीसी, एमबीसी, एसबीसी और ईडब्ल्यूएस छात्रों की कितनी स्कॉलरशिप पेंडिंग है। लेकिन मंत्री इस सवाल का स्पष्ट उत्तर देने में असमर्थ रहे।
जूली ने बिजली संकट पर सरकार को घेरा और कहा कि सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत में सिर्फ 15-16 घंटे ही बिजली मिल रही है। उन्होंने चिंता जताई कि गर्मी के मौसम में बिजली की डिमांड बढ़ेगी, लेकिन सरकार के पास कोई ठोस प्रबंधन योजना नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कोचिंग सेंटर से जुड़े नए विधेयक पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह बिल बड़े कोचिंग संस्थानों के हित में है और विद्यार्थियों के लिए कोई राहत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस बिल के जरिए छात्रों और अभिभावकों के साथ अन्याय कर रही है।
उन्होंने कहा कि बिल वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि:
इससे शिक्षा में असमानता बढ़ेगी।
लगातार छात्र आत्महत्या कर रहे हैं।
अभिभावकों से लूट की जा रही है।
टीकाराम जूली ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि राणा सांगा राजस्थान की शान हैं, लेकिन सरकार इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है।
जूली ने कहा कि सदन में प्रश्न पूछना और सप्लीमेंट्री प्रश्न रखना विधायकों का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
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