अलवर (राजस्थान) : सरिस्का बफर जोन में स्थित करणी माता मंदिर में इस बार नवरात्रि के अवसर पर 30 मार्च से 6 अप्रैल तक लख्खी मेला आयोजित किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करेंगे और मन्नत मांगेंगे। लेकिन चूंकि यह इलाका सरिस्का के जंगल से सटा हुआ है, इसलिए वन्यजीवों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन और वन विभाग ने कड़े इंतजाम किए हैं।
वन अधिकारी शंकर सिंह ने बताया कि मेले के दौरान फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। गर्मी के मौसम को देखते हुए आगजनी की घटनाओं से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी।
मंदिर परिसर में आग जलाने पर सख्त पाबंदी होगी।
प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा, ताकि गंदगी न फैले।
भंडारे के लिए विशेष व्यवस्था होगी, लेकिन मंदिर परिसर में खाना बनाने की अनुमति नहीं होगी।
डीजे और अधिक शोर-शराबे पर रोक रहेगी, ताकि वन्यजीवों को कोई परेशानी न हो।
करणी माता मंदिर के आसपास के जंगलों में 3 बाघ और 10 पैंथर का मूवमेंट रिकॉर्ड किया गया है। खासतौर पर एसटी-19, एसटी-18 और 2302 नामक बाघों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रताप बंध चौकी और किशन कुंड गेट पर एंट्री का समय सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक तय किया गया है।
वन विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जंगल के नियमों का सख्ती से पालन करें। देर रात मंदिर क्षेत्र में रुकने की अनुमति नहीं होगी, और सभी को तय समय के भीतर ही मंदिर के दर्शन करने होंगे।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.