राजस्थान हाईकोर्ट : ने जैसलमेर कलेक्टर प्रताप सिंह को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2025 को दिए अपने आदेश के बाद हाईकोर्ट ने कलेक्टर के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही को बंद कर दिया। इससे पहले, हाईकोर्ट ने कलेक्टर को आदेश की अवमानना का दोषी पाया था और 25 मार्च को सजा तय करने के लिए सुनवाई निर्धारित की थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें राहत मिल गई।
यह मामला जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस के पास और राजमार्ग के करीब स्थित एक भूमि से जुड़ा है। यह जमीन पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, लेकिन कानूनी विवाद के कारण इसे भूमिहीन किसानों को खेती के लिए आवंटित कर दिया गया। राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, क्योंकि हाईकोर्ट ने सरकार की अपील को देरी के कारण खारिज कर दिया था।
24 मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया, लेकिन कलेक्टर के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को बंद करने का अनुरोध किया।
25 मार्च को हुई सुनवाई में, राजस्थान के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कलेक्टर की ओर से माफी मांगी। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर की माफी स्वीकार कर ली और उन्हें दोषमुक्त कर दिया।
राजस्थान सरकार ने उन अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, जिनकी वजह से कानूनी प्रक्रिया में देरी हुई और जैसलमेर की महत्वपूर्ण भूमि पर असर पड़ा। सरकार की अपील में 620 दिनों की देरी हुई थी, जिसके कारण इसे 29 जनवरी 2025 को खारिज कर दिया गया। इस देरी के कारण, पर्यटन के लिए उपयुक्त भूमि अब खेती के लिए आवंटित कर दी गई।
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