मथुरा/आगरा : वाइल्डलाइफ एसओएस के आगरा भालू संरक्षण केंद्र में रहने वाले एल्विस भालू ने अपने रेस्क्यू की 10वीं वर्षगांठ मनाई। 2015 में एक असहाय शावक के रूप में बचाए गए एल्विस ने अब एक दशक की यात्रा पूरी कर ली है। यह नर स्लॉथ भालू आज केंद्र के सबसे ऊर्जावान और प्रिय भालुओं में से एक बन गया है।
संघर्ष और बचाव की कहानी एक शावक के रूप में एल्विस को उसकी माँ से अलग कर दिया गया था और उसे अमानवीय यातनाएँ सहनी पड़ीं। उसकी नाज़ुक थूथन को छेद दिया गया था और उसे कठोर परिस्थितियों में रखा गया था। जब वाइल्डलाइफ एसओएस की एंटी-पोचिंग यूनिट ने उसे पाया, तब वह बेहद कमजोर और निर्जलित स्थिति में था। केंद्र पर लाने के बाद उसे विशेष चिकित्सा देखभाल और उपचार दिया गया, जिससे उसने धीरे-धीरे अपनी ताकत वापस पा ली।
एल्विस की नई जिंदगी आज, एल्विस आगरा भालू संरक्षण केंद्र में अपने देखभालकर्ताओं के साथ खुशी से समय बिताता है। वह अन्य भालुओं के साथ खेलता है और प्राकृतिक वातावरण में स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा है।
वाइल्डलाइफ एसओएस का योगदान वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, "एल्विस का एक कमजोर शावक से एक संपन्न भालू बनने का सफ़र समर्पित बचाव और पुनर्वास के प्रभाव का प्रमाण है। हम जो भी जीवन बचाते हैं, वह वन्यजीव शोषण को समाप्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।"
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