जैसलमेर : राजस्थान के वीर सपूत शहीद जयसिंह भाटी के 29वें बलिदान दिवस के अवसर पर नगर परिषद जैसलमेर द्वारा एक भव्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया गया और यूनियन चौराहे का नाम बदलकर "शहीद जयसिंह भाटी चौराहा" कर भव्य स्मारक का निर्माण किया गया।
1 अप्रैल 1967 से जयसिंह भाटी ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में सेवाएं दीं।
घुसपैठियों, तस्करों और डकैतों के लिए भाटी का नाम खौफ का पर्याय था।
27 मार्च 1996 को कश्मीर के सोपोर में आतंकियों से लोहा लेते हुए वे शहीद हुए।
27 मार्च को आतंकी ठिकाने की सूचना मिली, जिस पर उन्होंने अपने साथियों संग घेराबंदी की।
AK-47 और हथगोलों से लैस आतंकियों ने गलत सूचना भेजकर सुरक्षा बलों को धोखा दिया।
जब भाटी और उनके साथी मकान में दाखिल हुए, तो आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया।
अंतिम सांस तक लड़े और मातृभूमि के लिए शहीद हो गए।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल ने उनके पुत्र पदमसिंह को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया।
BSF ने सीमा चौकी का नाम ‘जय’ रखा।
गुवाहाटी (असम) में 42वीं बटालियन ने एक सड़क का नाम शहीद जयसिंह भाटी मार्ग रखा।
इस कार्यक्रम में BSF DIG योगेंद्र सिंह, विधायक छोटू सिंह भाटी, महंत प्रतापपुरी, डॉ. रविंद्र सिंह भाटी, पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह, पूर्व विधायक रूपाराम, पूर्व सांसद सोनाराम, सभापति हरिवल्लभ कल्ला, आयुक्त लजपाल सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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