गांधीनगर : दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की 31 मार्च तक मिली अंतरिम जमानत को बढ़ाने पर गुजरात हाई कोर्ट में मतभेद सामने आया है। हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच में से एक जज जमानत बढ़ाने के पक्ष में थे, जबकि दूसरे इसके विरोध में। इस कारण अब मामला गुजरात के चीफ जस्टिस को भेज दिया गया है, जो अंतिम निर्णय लेंगे।
अगर गुजरात हाई कोर्ट जमानत बढ़ाता है तो आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट में भी याचिका दायर करनी होगी।
जोधपुर दुष्कर्म केस में उसे पहले ही आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है।
86 साल के आसाराम ने मेडिकल ग्राउंड पर 6 महीने की जमानत मांगी है।
उसने तर्क दिया कि अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) के तहत उसे बेहतर इलाज का अधिकार है।
एम्स जोधपुर की रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है और वह "हाई-रिस्क" श्रेणी में आता है।
उसे नियमित नर्सिंग केयर, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट की जरूरत है।
➡️ आसाराम ने कहा कि "केवल इसलिए कि आरोप गंभीर हैं और मैं आजीवन कारावास भुगत रहा हूं, इसका मतलब यह नहीं कि अगर मौत आए तो उसे जल्द लाया जाए।"
➡️ "यदि अच्छे इलाज से इसे टाला जा सकता है, तो यह मेरा मौलिक अधिकार है।"
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