राजस्थान: बांसवाड़ा और डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रौत ने वक्फ बोर्ड कानून को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे भाा.ज.पा. की साजिश करार दिया और कहा कि यह कानून अल्पसंख्यक समुदाय की जमीन हड़पने का एक तरीका है। सांसद का कहना है कि भाजपा ने एक ऐसा कानून लाकर अल्पसंख्यकों की जमीन पर कब्जा करने की योजना बनाई है। इसके बदले उन्हें कुछ साड़ी और मिठाई बांटकर खुश करने की कोशिश की जा रही है।
सांसद ने अमर उजाला से बातचीत करते हुए कहा कि यह कानून देश में नफरत का माहौल पैदा करेगा और समुदायों के बीच तनाव बढ़ाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड की जमीन किसी से छीनी हुई नहीं है, बल्कि यह जमीन दान में मिली थी। उनका कहना था कि सरकार को इसे हड़पने का कोई अधिकार नहीं है।
राजकुमार रौत ने आगे कहा कि कई सरकारी दफ्तर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने हैं, लेकिन ये जमीन हड़पी या कब्जा नहीं की गई है, बल्कि यह जमीन दान में दी गई थी।
जब उनसे पूछा गया कि इतिहास के नाम पर छेड़छाड़ की बात की जाती है, तो सांसद ने आदिवासी हिन्दू के बारे में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि आदिवासी हिन्दू नहीं होते, यह वर्तमान और भविष्य से जुड़ा विषय है। उनका कहना था कि आदिवासियों की पूजा पद्धति अलग है, और इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी और धर्म का अपमान कर रहे हैं।
सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हिन्दुत्व के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे आने वाले समय में देश को बहुत नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह कानून गलत है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए, क्योंकि इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा।
सांसद ने अंत में कहा कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो अगले 15-20 वर्षों में लोग इसे इतिहास में एक ऐसे दौर के रूप में देखेंगे, जो देश के लिए नुकसानदायक था।
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