राजस्थान: राजस्थान में पेंशन के फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक बेटा अपने पिता की मौत के बाद तीन साल तक फर्जी तरीके से उनकी पेंशन लेता रहा। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब आरोपी के गांव के एक युवक ने पुलिस को इसकी शिकायत दी। पुलिस ने जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है और अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के कुलताजपुर निवासी भगवान सिंह, जो राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद से रिटायर हुए थे, का 24 सितंबर 2021 को निधन हो गया। इसके बाद उनके बेटे प्रदीप ने फर्जी तरीके से अपने पिता का जीवित प्रमाण पत्र बनवाया और विभिन्न सरकारी संस्थाओं में प्रस्तुत करके भगवान सिंह के नाम पर पेंशन प्राप्त करता रहा। इस पेंशन घोटाले के तहत प्रदीप ने तीन साल में 8 लाख 20 हजार 738 रुपये की पेंशन ले ली।
आरोपी के खिलाफ कार्रवाई
प्रदीप ने तीन साल के दौरान कई फर्जी जीवित प्रमाण पत्र तैयार किए, जिनमें एक सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल से सत्यापित प्रमाण पत्र और दो अन्य स्कूलों के प्रमाणपत्र शामिल थे। जब फर्जीवाड़ा सामने आया, तो प्रदीप ने सरकारी कोष में 8 लाख 20 हजार रुपये जमा भी करवा दिए। हालांकि, पुलिस ने आरोप प्रमाणित होने के बाद एफआईआर दर्ज कर दी और प्रदीप के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया।
आरोपी की पहचान
प्रदीप, जो अपने गांव की पंचायत में पंच भी है, पर अब पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता राहुल, जो प्रदीप के गांव का ही निवासी है, ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी थी।
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