जोधपुर : राजस्थान के बहुचर्चित एसआई भर्ती घोटाले में जोधपुर रेंज पुलिस की साईक्लोनर टीम को बड़ी सफलता मिली है।
टीम ने पति-पत्नी की जोड़ी को दो अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया है — पति नरपतराम को गोवा से और पत्नी इन्द्रा को जोधपुर से।
जोधपुर पुलिस की साईक्लोनर टीम ने "ऑपरेशन तर्पण" के तहत यह कार्रवाई की।
नरपतराम गोवा के कालांगुट में एक शराब की दुकान पर सेल्समैन की नौकरी कर रहा था, जबकि इन्द्रा जोधपुर के खेमे का कुआं इलाके में रिश्तेदारों के घर छिपी हुई थी।
जांच में सामने आया है कि इन्द्रा ने 13 सितंबर को खुद की परीक्षा दी और 14 सितंबर को हरखु नामक युवक की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी।
हरखु ने यह परीक्षा पास कर प्लाटून कमांडर की पोस्ट हासिल कर ली।
इन्द्रा और हरखु की मुलाकात लाइब्रेरी में हुई थी, जहां पढ़ाई में तेज इन्द्रा ने पहले मदद की और फिर पति नरपतराम के कहने पर धोखाधड़ी का हिस्सा बन गई।
हरखु से 15 लाख रुपये की डील हुई थी। रकम का एक हिस्सा किसी बिचौलिए को देकर इन्द्रा को इंटरव्यू में ऊंचे अंक दिलवाने की योजना बनाई गई थी।
जांच के दौरान हरखु से पूछताछ में सारा राज खुला और नरपतराम-इन्द्रा का नाम सामने आया।
फरार दंपति को पकड़ने में एक मोबाइल नंबर ने अहम भूमिका निभाई।
एक रिश्तेदार ने टीम को इशारा किया कि अगर साईक्लोनर सक्षम है, तो इस नंबर से सब पता करे।
टेक्निकल एनालिसिस में नंबर की लोकेशन गोवा निकली, जबकि जोधपुर में एक महिला नियमित रूप से उसी नंबर से संपर्क करती थी। साईक्लोनर टीम ने तुरंत दो टीमों को रवाना किया।
गोवा में नरपतराम को शराब की दुकान 'गोवा वाइन्स' से पकड़ा गया, वहीं
जोधपुर में इन्द्रा फरार होने की कोशिश में थी, लेकिन समय रहते दबोच ली गई।
इन्द्रा ने बताया कि गोवा में दबिश की खबर पड़ोसी के माध्यम से उसकी बहन तक पहुंच गई थी।
दोनों को अब एसओजी टीम के हवाले कर दिया गया है और आगे की पूछताछ जारी है।
राजस्थान की SI भर्ती परीक्षा में हुई धोखाधड़ी ने एक बार फिर परीक्षा प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया है।
साईक्लोनर टीम की तेज़ कार्रवाई और टेक्निकल एक्सपर्टिज से इस बड़े स्कैम का पर्दाफाश हुआ है।
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