झुंझुनूं : राजस्थान के सरकारी स्कूलों में खेल सामग्री सप्लाई घोटाले ने तूल पकड़ लिया है। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को झुंझुनूं जिले के दौरे के दौरान इस मामले पर सख्त नाराजगी जताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि "जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।"
राज्य के सरकारी स्कूलों को 20 से 25 हजार रुपए मूल्य की स्पोर्ट्स किट भेजी गई थी।
शिकायतों के अनुसार, इस किट में घटिया क्वालिटी का सामान सप्लाई किया गया।
किट में वस्तुएं बाजार मूल्य से दो से तीन गुना अधिक कीमत पर बिल की गईं।
यह किट प्रदेश स्तर पर चयनित एक ही फर्म द्वारा सप्लाई की गई थी।
शिक्षक संघों ने भी इस मामले पर विरोध दर्ज कराया है।
टमकोर स्थित महाप्रज्ञा इंटरनेशनल स्कूल के कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री दिलावर ने कहा:
“इस मामले में लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हमने जांच के आदेश दे दिए हैं और जो भी इसमें शामिल होगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि वाइस प्रिंसिपल का कोई पद समाप्त नहीं किया गया है।
बल्कि अब इसे वरिष्ठ व्याख्याता (Senior Lecturer) कहा जाएगा — यह सिर्फ पदनाम में परिवर्तन है, न कि किसी पद की समाप्ति।
महाप्रज्ञा स्कूल में सुविधा विस्तार लोकार्पण कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां, और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर उपस्थित रहे।
प्रवासी कोठारी परिवार द्वारा 10 करोड़ रुपए की लागत से स्कूल का विकास किया गया।
कार्यक्रम में आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण समारोहपूर्वक किया गया।
राजस्थान का सरकारी स्कूल सिस्टम एक बार फिर घोटाले की चपेट में है। शिक्षा मंत्री की ओर से कड़ी जांच और सख्त कार्रवाई की घोषणा ने यह संकेत दे दिया है कि अब ऐसे मामलों में ‘ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ लागू होगी।
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